
नागौर से इस प्रत्याशी की बढ़ी मुश्किलें, केस दर्ज करने के आदेश






खुलासा न्यूज नेटवर्क। नागौर से भाजपा प्रत्याशी एवं पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जमीन विवाद में किसान नेता के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराने को लेकर 17 नवंबर को अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट-6 ने मिर्धा के खिलाफ उदयमंदिर थाने को मामला दर्ज करने के आदेश दिए। यह जानकारी मंगलवार को विजय पूनिया और उनके वकील ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी। किसान नेता विजय पूनिया ने ज्योति मिर्धा के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दायर कराया था। उन्होंने मिर्धा पर मानहानि, झूठे आरोप लगाने, कूटरचित दस्तावेज पेश करने और झूठा मुकदमा दर्ज कराने का आरोप लगाया था। दरअसल, ज्योति मिर्धा ने किसान नेता विजय पूनिया, उनके परिजन व अन्य के खिलाफ जमीन हड़पने का आरोप लगाते हुए 2 वर्ष पहले मुकदमा दर्ज करवाया था। मामला कोर्ट में चला। जिसमें मिर्धा के आरोप झूठ साबित हुए। कोर्ट से पूनिया के पक्ष में फैसला आया तो वे ज्योति मिर्धा के खिलाफ शिकायत लेकर थाने पहुंच गए। थाने में विजय पूनिया की शिकायत पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इस पर पूनिया ने कोर्ट में परिवाद दायर कर दिया। कोर्ट ने 17 नवंबर को उदयमंदिर थाना इंचार्ज को ज्योति मिर्धा के खिलाफ इस्तगासे से मामला दर्ज कर जांच के आदेश दिए हैं।
क्या है जमीन का मामला
विजय पूनिया ने बताया- सूथला में आदर्श प्रगतिशील गृह निर्माण समिति ने खसरा नंबर 103, 106 कुल 4 बीघा 17 बिस्वा भूमि वर्ष 1988 में नाथूराम मिर्धा के पुत्र भानू मिर्धा से जमीन खरीदी। ज्योति मिर्धा व उनकी बहन हेम श्वेता मिर्धा ने 5 अगस्त 2021 को सोसायटी व उसके 11 मेंबर व अपने चाचा भानू प्रकाश मिर्धा के खिलाफ चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में मामला दर्ज करवाया। मामले में अपने हिस्से की जमीन बेचना बताया। एफआईआर दर्ज होने पर सोसाइटी मेंबर उषा पूनिया, विजय पूनिया की पत्नी व उनकी पुत्री हिमानी व शिवानी सहित अन्य मेंबर हाईकोर्ट पहुंचे और एफआईआर के निस्तारण के लिए याचिका दायर की। 5 अक्टूबर 2021 को पूरी बहस सुनने के बाद हाईकोर्ट ने एफआइआर को क्वैश कर दिया। इसके अगेंस्ट में ज्योति मिर्धा, हेम श्वेता मिर्धा सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं और सुप्रीम कोर्ट में बहस सुनने के बाद स्पेशल पिटीशन को 25 फरवरी 2022 को खारिज कर दिया। इसके विरुद्ध रिव्यू पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में फाइल की। उसे भी सुप्रीम कोर्ट ने 23 अगस्त 2022 को खारिज कर दिया। इस दरमियान राजस्व अपील अधिकारी से सोसाइटी मेंबर ने अपील की थी। अधिकारी ने मामले की सुनवाई के बाद 24 अगस्त 2021 को सोसायटी फेवर में फैसला देते हुए सहायक कलेक्टर ने फास्ट ट्रेक द्वारा 2 मार्च 2021 को सोसाइटी के विरुद्ध दिया गया फैसला पूर्व रूप से निरस्त कर दिया। राजस्व अपील किया जाना प्रकट होता है। राजस्व अपील अधिकारी के फैसले के आधार पर सदस्य ने दिवाली से पहले याचिका एमएम-6 में पेश की। इस पर 17 नवंबर को फैसला आया और इस्तागासे से उदयमंदिर थाने में मामला दर्ज करने के निर्देश दिए गए।


