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एक साथ दिखे अर्जुन-विश्वनाथ, बंद कमरे की मंत्रणा के क्या है मायने?

खुलासा न्यूज, बीकानेर। कहते है ना कि राजनीति सबकुछ संभव है। ऐसा ही नजारा गुरुवार को बीकानेर भाजपा की राजनीति में सामने आया है। जबकि केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल व खाजूवाला प्रत्याशी डॉ.विश्वनाथ मेघवाल एक साथ नजर आए। केवल नजर ही नहीं आए, बल्कि बंद कमरे में करीब आधे घंटे की दोनों के बीच मंत्रणा भी हुई। जिसको लेकर अलग अलग कयास लगाये जा रहे है। दरअसल, गुरुवार को भाजपा की तीसरी लिस्ट में खाजूवाला से डॉ.विश्वनाथ मेघवाल को फिर से प्रत्याशी बनाये जाने के बाद वे भाजपा के संभाग कार्यालय पहुंचे। यहां सभी नेताओं-कार्यकर्ताओं से मिले। इस दौरान कुछ देर देहात भाजपा अध्यक्ष जालमसिह भाटी, गुमानसिंह राजपुरोहित आदि की मौजूदगी में केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से भी डॉ. विश्वनाथ की बातचीत हुई। बताया जा रहा है कि बातचीत के दौरान दोनों के बीच अब तक रही नाराजगी का जिक्र भी हुआ। दोनों की एक बंद कमरे में करीब आंधे घंटे की मंत्रणा भी हुई। वहां मौजूद लोगों का कहना है कि जब कमरे से बाहर निकले तो दोनों मुस्कुराते हुए सामने आये। ऐसा लगा कि अब तक के गिले-शिकवे साफ हो गए हैं। हालांकि इसकी सत्यता आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान सामने आ जाएगी कि कितनी नाराजगी दूरी हुई। बता दें कि डॉ. विश्वनाथ मेघवाल को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के गुट के माने जाते है और बीकानेर जिले में देवीसिंह भाटी के साथ उनके अच्छे रिश्ते हैं। अर्जुनराम मेघवाल इसके विरोधी गुट में हैं। इसके अलावा दलित नेता होने के नाते केन्द्रीय मंत्री मेघवाल के बेटे और विश्वनाथ के बीच एकबारगी खाजूवाला टिकट को लेकर प्रतिद्वंद्विता भी सामने आ चुकी है। लेकिन गुरुवार को टिकट की घोषणा के बाद जिस तरह सिनेरियों सामने आया है, उससे लगता है कि भाजपा आलाकमान का सीधा संदेश है कि पार्टी में गुटबाजी खत्म कर पार्टी को मजबूती प्रदान करने का काम किया जाए। लगता है कि अर्जुनराम मेघवाल अब पार्टी की उसी लाइन पर चलकर काम करना चाहते है।
जानकारों का यह मानना है कि दोनों नेताओं में नाराजगी को खत्म करने की एक बड़ी वजह खाजूवाला कांग्रेस प्रत्याशी गोविंद राम मेघवाल है। गोविंदराम की जितनी कटुता विश्वनाथ से हैं उससे कहीं ज्यादा वे अर्जुनराम के खिलाफ बोलते हैं। अगर वे विधानसभा का चुनाव जीतते हैं तो लोकसभा में भी कांग्रेस के सशक्त प्रत्याशी बनकर उभरने की पूरी संभावना है। ऐसे में अर्जुनराम मेघवाल चाहते है कि किसी तरह गोविंदराम मेघवाल को कमजोर किया जाए। जिसका तरीका यह सबसे अच्छा है। हालांकि कारण कुछ भी रहे हो, परंतु फिलहाल इस मेल मिलाप से भाजपा को विधानसभा चुनाव में फायदा ही होगा।

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