
गजब इस स्कूल के पास पिछले 23 सालों से नहीं भवन सुरक्षा प्रमाण पत्र, स्कूल हो चुकी है जर्जर, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा





अब बच्चे कहां जायेंगे पढऩे
महेश देरासरी
बीकानेर। जिले के महाजन कस्बे में स्थित केशवानन्द बालिका विद्यालय में गत माह से चली रही अव्यवस्था के चलते नाराज शिक्षकों ने सोमवार को विद्यालय के ताला लगा दिया ओर चाबी संस्था से सदस्य को सौंप दी ।
जानकारी के अनुसार कस्बे के वार्ड 13 में स्थित केशवानन्द बालिका विद्यालय का संचालन ट्रस्ट के जरिये किया जा रहा था। लेकिन गत कुछ माह विद्यालय से अव्यवस्था होने लगी। वहीं शिक्षकों को भी इस वर्ष का भुगतान नहीं मिला। संस्था के शिक्षक राजेश आचार्य ने बताया कि संस्था कस्बे में बालिका शिक्षा को लेकर विद्यालय का संचालन गत कई वर्षों से कर रही है । जिसमें कस्बे की बालिकाओं को निशुल्क शिक्षा देने का काम कर रही है । लेकिन संस्था संचालक की उच्च राजनीतिक स्तर की पहुंच रखने वाले होने के कारण पिछले लंबे समय से विद्यालय की व्यवस्थाओं को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं होने के कारण विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था काफी प्रभावित हो चुकी है । जिसको लेकर बार-बार अवगत कराने के बाद भी संस्था के मुखिया इस और कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं । आचार्य ने बताया कि इस वर्ष जुलाई से लेकर अब तक शाला के 11 शिक्षकों के स्टाफ को अभी तक कोई सैलरी नहीं दी गई है ।बार-बार कहने पर भी संस्था के मुखिया टरकाने का काम कर रहे हैं। बिना सैलरी के विद्यालय में काम करना अब काफी मुश्किल हो गया था । इसके अलावा विद्यालय में कई अनियमिताएं भी शाला के स्टाफ की परेशानी का सबक बनी हुई थी। संस्था के बायलॉज के अनुसार कक्षा 9 व 10 की छात्राओं को निशुल्क पुस्तक मिलती रही है। मगर इस वर्ष अभी तक पुस्तकें नहीं मिलने से विद्यार्थियों की पढ़ाई शुरू हुई भी नहीं हो पाई थी । बिना पुस्तकों के ही छात्राओं को पढऩा पड़ रहा था। वहीं विद्यालय का भवन भी गत दो-तीन वर्षों से काफी जर्जर स्थिति में था ।जिसमें कभी भी कोई भी हादसा होने का अंदेशा आसानी से महसूस किया जा सकता है । मगर संस्था द्वारा भवन मरम्मत को लेकर कोई खर्च करने की स्थिति में नहीं है । वहीं विद्यालय के पास अजमेर बोर्ड द्वारा स्थाई मान्यता भी नहीं है। वर्ष 2002 से लेकर अब तक स्थाई मान्यता नहीं होने की वजह से विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर भी अभिभावक काफी परेशान नजर आ रहे हैं। भवन सुरक्षा प्रमाण पत्र भी सन 1995 के बाद अभी तक नहीं बन पाया है । जहां सरकार ने भवन सुरक्षा प्रमाण पत्र को लेकर नियम बना रखा है कि हर वर्ष भौतिक सत्यापन सार्वजनिक निर्माण विभाग करेगा। मगर संस्था द्वारा 1995 के बाद अब तक कोई भवन सुरक्षा प्रमाण पत्र नहीं लिया है । ऐसी ही कई विसंगतियों को लेकर संस्था मुख्याओं को अवगत करवाया गया था । मगर उन्होंने इस और कोई ध्यान नहीं दिया। ऐसे में संस्था के मुखिया से बातचीत के बाद संस्था के सदस्य नेतराम को इस विद्यालय का संचालन करने में असमर्थता जताते हुए उनको चाबी सौंप दी। चाबी सौंपने के बाद विद्यालय में अध्यनरत विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार मय हो गया है ।


