
बीकानेर के सट्टेबाजों ने सट्टा करने का अब यह ट्रेड अपनाया कि पुलिस अफसरों के उड़े होश






शिव भादाणी
बीकानेर। विश्वकप क्रिकेट शुरुआत होते ही शहर के सटोरियों पूरी तरह से सक्रिय हो गये है शहर कई ऐसे स्थान है जहां पर सट्टेबाज अपने आपको सुरक्षित मानकर सट्टा करता है। लेकिन इस बार क्रिकेट विश्व कप पुलिस को भारी पड़ रहा है. फिर चाहे पुलिस किसी भी राज्य की हो या किसी भी थाने की हो. दरअसल इस बार सट्टेबाजों ने ऐसा नया ट्रेंड अपनाया है सट्टेबाजी का, कि पुलिस अफसरों तक होश उड़े हुए हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर शहर के नामी सटोरियों ने बताया कि जब से पुलिस ने हमें पकडऩे के लिए नया ट्रेड अपनाया तो अब हमने भी ऐसा ट्रेड अपनाया है कि पुलिस के भी होश उड़ जायेंगे। उसने बताया कि अब सारा काम ऑनलाइन हो गया है जिसमें हम एक साथ चालीस से पचार हजार लोगों को एक साथ बैठाकर सट्टा खिलाफ सकते है।
क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाने वाले सटोरियों ने बदला अपना ट्रेंड
–पुलिस से बचने के लिए अब सबकुछ ऑनलाइन
-एक साथ हजारों लोगों को सट्टा खिला रहे बुकी
-पहले आईडी सेल करके लूट रहे लाखों
-फिर आईडी के जरिए खिला रहे दांव
पुलिस की लाख कोशिश के बाद भी सटोरियों को पकडऩे में नाकाम है बीकानेर पुलिस जबकि माना जा रहा है बीकानेर सट्टे की सबसे बड़ी मंडी बन गई है बीकानेर से प्रत्येक मैच में करोड़ों रुपये इधर उधर हवाले के लिए रुपये हो रहे है।
चुनाव है अभी नाकाबंदी करे या सट्टेबाजों को पकड़े इसी चक्कर में सट्टेबाजों की बल्ले बल्ले हो रखी है। अब तो शहर के अंदर छोटी गलियों में बने तहखाने में अपना ठिकाने बना रखे है जहां पर करोड़ों रुपये का सट्टा होता है।
पुलिस की मुखबिर कहां है
कहते है थानाधिकारी व सक्रिल एरिया से इलाके की कोई चीज छुपी नहीं होती तो फिर सट्टेबाजों तक क्यों नहीं पहुंच रहे है ऐसा माना जा रहा है कई रसूखदार घरों के लोग इस खेल मे ंउतरे हुए है इसलिए पुलिस जल्दीबाजी नहीं करती है।
कोतवाली, नयाशहर, जेएनवीसी, गंगाशहर, मुक्ताप्रसाद आदि ऐसे इलाके है जहां पर शहर बड़े नामी सट्टेबाज बैठे है।


