
जिला यह थाना महज एक हवलदार के भरोसे चल रहा है






बीकानेर जिले का सरहद से सटा महत्वपूर्ण छतरगढ़ थाना महज एक हवलदार के भरोसे चल रहा है। जी हाँ, छारगढ़ पुलिस थाना प्रभारी का कस्बे को अनूपगढ़ जिले में शामिल किये जाने की व्यर्थ की कवायद के चलते पिछले दिनों बीकानेर तबादला कर दिया गया। इलाकावासियों के प्रचंड विरोध के कारण खाजूवाला छारगढ़ एक बार फिर बीकानेर में शामिल हो गये और इसी के फौरन बाद आचार संहिता लगने के कारण छारगढ़ थाने में कोई अन्य थाना प्रभारी नहीं लगाया गया जिससे थाने का सब इंस्पेटर, पद रिक्त हो गया।
बता दें कि बीकानेर जिले के छतरगढ़ थाने में नशीले पदार्थ बरामदगी के मामले सबसे ज्यादा दर्ज हैं और सरहद के समीप होने के बावजूद इतना महत्वपूर्ण थाना दो हवलदार के भरोसे चल रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार छारगढ़ थाने में तीन सहायक उप निरीक्षक के पद हैं लेकिन एक को किसी प्रकरण में लाइन हाजिर किया हुआ है दो को मेला ड्यूटी पर लगाया हुआ है। इंदिरा गांधी मुय नहर पर छतरगढ़ थाना होने के कारण सूरतगढ़ से फलोदी ढाई सौ किलोमीटर तक कोई थाना नहीं होने के कारण मादक पदार्थों की तस्करी पूरे छारगढ़ में होती है और छारगढ़ पुलिस थाने में तस्करी रोकने के मामले में अनेक मामले दर्ज हुए लेकिन पहले छारगढ़ का अनूपगढ़ में जाना फिर बीकानेर में लौट आना और आचार संहिता लग जाने के कारण फिलहाल छारगढ़ थाना हवलदारों के भरोसे चल रहा है।
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