
कुष्ठ के प्रति भ्रांतियों को दूर करेंगी आशा सहयोगिनियां






कुष्ठ के प्रति भ्रांतियों को दूर करेंगी आशा सहयोगिनियां
बीकानेर। कुष्ठ रोग या हैनसेन रोग कोई शाप नहीं एक सामान्य जीवाणु (माइकोबैक्टीरियम लेप्रे) जनित बीमारी है जिसका आसान सा इलाज होता है। सभी रोगी सामने आजाएं तो बहुत जल्दी इस रोग का हमेशा के लिए उन्मूलन संभव है। इसी विचार को केंद्र में रखते हुए शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन सभागार में सभी शहरी आशा सहयोगिनियां को गहन प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोहम्मद अबरार पंवार ने आशा सहयोगिनियों को घर-घर भ्रमण के दौरान कुष्ठ जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों के बारे में पड़ताल करने और चिन्हित होने पर संपूर्ण इलाज करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि बहु औषधीय उपचार-एमडीटी (कुष्ठ निवारक औषधी) कुष्ठ की शार्तिया दवा है, जो सभी सरकारी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त में उपलब्ध है। आशा सहयोगिनियों को प्रत्येक कुष्ठ रोगी के उपचार हेतु इंसेंटिव भी देने का प्रावधान है। राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी व डिप्टी सीएमएचओ डॉ. लोकेश गुप्ता ने जानकारी दी कि चमड़ी पर चमड़ी के रंग से फीका, एक या एक से अधिक दाग या धब्बे जिसमें सुन्नपन, सूखापन, पसीना न आता हो, खुजली या जलन, चुभन न होती हो तो कुष्ठ रोग हो सकता है। शरीर पर, चेहरे पर भौंहो के उपर कानों के उपर सूजन-गठान, दाने या तेलीय चमक दिखाई पड़े, तो कुष्ठ रोग हो सकता है। जीवाणु संक्रमण से नसों, श्वसन मार्ग, त्वचा और आंखों को नुकसान हो सकता है । इस तंत्रिका क्षति के परिणामस्वरूप दर्द महसूस करने की क्षमता की कमी हो सकती है।


