
शहर में बढ़ रही छीना-झपट्टी, बाइक चोरी व बंद मकानों में चोरी की घटनाएं, बेधड़ दौड़ रहे बिना नंबरी व ब्लैक शीशे वाले वाहन, हेलमेट चैकिंग पर अटकी पुलिस






खुलासा न्यूज, बीकानेर। इन दिनों शहर में एक बार फिर क्राइम का ग्राफ बढ़ता नजर आ रहा है। जहां छीना-झपट्टी, बाइक चोरी व बंद मकानों में चोरी की घटनाएं लगातार सामने आ रही है। वहीं, बिना नंबरी व ब्लैक शीशे वाले वाहन बेधड़ सड़कों पर दौड़ रहे हैं, जिन पर कार्रवाई करने वाली पुलिस मात्र हेलमेट चैकिंग पर अटकी हुई है। मोबाइल छीना-झपट्टी की घटनाओं में तो अधिकांश मामले तो थाने तक जाते भी नहीं, क्योंकि कोई यह नहीं चाहता कि दस-पन्द्रह हजार के सामान के चक्कर में थाने-कचहरी के बीच चक्कर लगाते रहे।
झपट्टामार व चोरों के हौसले बुलंद
शहर में आये दिन बदमाश झपट्टा मार राहगीरों से मोबाइल छीनकर ले जा रहे है। सूत्रों ने बताया कि ये झपट्टा मार बदमाश बिना नंबर के दुपहिया वाहन का उपयोग करते हैं, ताकि पकड़ में नहीं आए। ये कभी किसी राहगीर से मोबाइल तो किसी के गले से चेन छीनकर फरार हो जाते है। ऐसी घटनाओं पर नजर डाले तो पिछले कुछ समय से घटने की बजाय लगातार बढ़ी है। जिन पर पुलिस प्रशासन की विशेष कार्रवाई नहीं होने की वजह से इन बदमाशों के हौसले बुलंद होते जा रहे है। इन बुलंद हौसले के चलते ये आये दिन किसी ने किसी के साथ वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते है।
सरपट दौड़ रहे बिना नंबर व ब्लैक शीशे वाले वाहन
शहर के व्यस्ततम चौक चौराहों पर पुलिस प्रशासन का जाब्त तैनात रहता है, लेकिन उनके सामने से बिना नंबर के व ब्लैक शीशे वाले निकल रहे है, जिनको रोका नहीं जा रहा है। ऐसे वाहनों में कौन बैठा है? और वह कहां किसलिए जा रहा है? इसका कोई अंदेशा नहीं। यही बड़ा कारण है कि शहर में इन दिनों अवैध नशे का व्यापार पनप रहा है। जिसके सेवन में युवाओं की जिंदगी बरबाद हो रही है। सूत्रों ने बताया कि शहर के ऐसे कई पॉइंट्स है, जहां लगे चाय के ठेलों पर अवैध नशा बिक रहा है, ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी पुलिस के पास नहीं है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती यह भी सवाल पुलिस की कार्यप्रणाली को सवालों से घेरती है।
भरे बाजार में किसी के साथ मारपीट कर चले जाते है बदमाश
बदमाशों के हौसले इतने बुलंद है कि भरे बाजार में किसी के साथ मारपीट करने पर घबराते नहीं है। बिना नंबरों की गाडिय़ों में सवार होकर आते है और मारपीट को अंजाम देकर उन्हीं गाडिय़ों में वापस सवार होकर भाग जाते है। ऐसे में सवाल उठता है कि इन बदमाशों का इतनी हिम्मत आती कहां से है? कहीं ना कहीं इन सबके पीछे पुलिस की कार्य प्रणाली जिम्मेदार है, क्योंकि पुलिस का ही जिम्मा है कि वह अपराध पर अंकुश लगाकर एक सुरक्षित वातावरण जनता को दें।
प्रोपर गश्त की कमी!
आमजन की ओर से हमेशा यही शिकायत रहती है कि पुलिस प्रोपर गश्त नहीं करती। जिसके कारण शहर में अपराध बढ़ रहा है। पुलिस केवल दावे करती है, लेकिन वे दावे धरातल पर नजर नहीं आ रहे है। आमजन का मानना है कि अगर पुलिस की गश्त प्रोपर हो जाए तो काफी हद तक अपराध पर अंकुश लग जाएगा।
रात को चौक-चौराहों पर नजर नहीं आती पुलिस
रात के समय में शहर के मुख्य चौक-चौराहों पर पुलिस का पहरा नहीं रहता, जिसके कारण अपराधी प्रवृति के लोग रात के समय में अपने वाहनों से निकलते है और अपना काम कर रहे है। कई बार प्रमुख अखबारों ने इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन कुछ दिन पुलिस अलर्ट होती है, लेकिन उसके बाद वही हाल हो जाते है।
देररात तक खुले रहे है रेस्टोरेंट, युवाओं का लग रहता है जमावड़ा
यही हाल शहर के रेस्टोरेंट्स के है, जो देररात तक खुले रहते है, जिनमें युवाओं का जमावड़ा लगा रहता है। इन रेस्टोरेंट में जो काम नहीं होने चाहिए वो धड़ल्ले के साथ हो रहे है।


