
बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची को लेकर हुआ यह बड़ा खुलासा






बीकानेर। विधानसभा में मतदाता सूची के बहाने कांग्रेस के भीतर की लड़ाई सामने आ रही है। शहर में चर्चाएं जाेराें पर हैं कि पश्चिम विधानसभा में कुछ फर्जी नाम जाेड़े गए। चर्चाओ के बीच कांग्रेस का एक गुट फैक्ट लेकर मीडिया के सामने आ गया ताे चर्चाओं काे और बल मिल गया। उनका आरोप है कि मुक्ताप्रसाद, रामपुरा, बंग्लानगर समेत परकाेटे से सटी बस्तियाें में नाम जाेड़े गए। हैरानी ये हुई कि फर्जी मतदाता सूची काे लेकर ना ताे शहर कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल गहलाेत का काेई बयान आया ना ही पश्चिम से विधायक डाॅ. बीडी कल्ला का। विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन चार अक्टूबर को जारी होगा, लेकिन उससे ठीक 13 दिन पहले कांग्रेस के ही नेताओ ने पश्चिम विधानसभा में 13343 फर्जी मतदाता हाेने का शक जताकर जिला निर्वाचन विभाग काे कठघरे में खड़ा कर दिया। शक जताने के पीछे उनके पास ठाेस वजह ये है कि सभी नए मतदाता 30 से 65 साल के बीच उम्र के हैं। 65 साल में काेई पहली बार मतदाता कैसे बनेगा। इसीलिए उन्हाेंने जिला निर्वाचन और प्रदेश निर्वाचन आयाेग काे पूरी मतदाता सूची भेजकर उनके मतदाता बनने वाले फॉर्म नंबर छह और सात की जांच की मांग की है। विप्र कल्याण बोर्ड के सदस्य राजकुमार किराड़ू, यूथ कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण व्यास, जिला उपाध्यक्ष मजीब खाेखर, पूर्व पार्षद सरताज हुसैन, पार्षद प्रतिनिधि सुभाष स्वामी, पूर्व पार्षद दीन माेहम्मद माेलानी और कांग्रेस नेता गुलाम मुस्तफा गुरुवार काे मीडिया के सामने खुलकर आए। कहा, 2018 की अंतिम मतदाता सूची में पश्चिम विधानसभा में 2 लाख 8 हजार 496 मतदाता थे। बीते साल की 30 अप्रैल काे जारी मतदाता सूची में 2 लाख 32 हजार 987 मतदाता सामने अाए। 24491 नए मतदाताओं में 13343 ऐसे हैं जिनकी उम्र 30 से 65 साल के बीच है और वे पहली बार मतदाता बने हैं। अगर 18 से 25 साल के मतदाता बढ़े हाेते ताे समझ आती, लेकिन 65 साल में काेई पहली बार मतदाता कैसे बन सकता है, जबकि मतदाता पहचान पत्र एक जरूरी दस्तावेज है और उस इंसान 65 साल तक कैसे सरकारी काम कराए हाेंगे। इस विधानसभा में 193 मतदान केन्द्र हैं लेकिन कुछ मतदान केन्द्राें में साढ़े तीन साै से ज्यादा नए मतदाता जुड़े हैं। मतदान केन्द्र चार में 433, छह में 448, 29 में 523 और 31 में 621 नए मतदाता जुड़े। इसकी जांच जरूरी है क्याेंकि इसके पीछे भाजपा और आरएसएस का हाथ है। मीडिया ने जब सवाल किया ताे राजकुमार किराडू बाेले कि शहर कांग्रेस उपाध्यक्ष अब्दुल मजीद खाेखर यहां बैठे हैं। इसका मतलब संगठन यहां है। कल्ला क्याें नहीं बाेले उनकी वाे जानें। इन सभी नेताओ ने किसी का नाम ताे नहीं लिया लेकिन इन सभी का इशारा अपनी ही पार्टी के एक बड़े नेता की ओर है कि उन्हाेंने फर्जी नाम जुड़वाए हैं।

