
किसनाराम नाई की वापसी भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं!







– पत्रकार, कुशाल सिंह मेड़तियों की कलम से
खुलासा न्यूज, बीकानेर। विधानसभा चुनाव को लेकर टिकट को लेकर सरगर्मी तेज हो गई। टिकट मांगने वाले नेता जिला स्तर से लेकर राज्य व नेशनल लेवल तक अपना काम और अपनी बात रख रहे हैं। कईयों की घर वापसी तो कईयों की प्रबल संभावना बनती नजर आ रही है। इस बीच श्रीडूंगरगढ़ में पूर्व एमएलए किसनाराम नाई की घर वापसी जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है कि वे आखिर किस शर्त पर वापस आए हैं। क्योंकि पार्टी सूत्रों के अनुसार टिकट उन्हें दिया जाएगा, ऐसी संभावना बहुत कम हैं, लेकिन कहते हैं ना कि राजनीति संभावनाओं का खेल है, ऐसे में एनवक्त पर कुछ भी हो सकता है। किसनाराम नाई को लेकर सूत्र यह भी बताते है उनका भाजपा में वापस आना भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं है। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि 2018 के चुनाव में पार्टी ने किसनाराम नाई का टिकट काटकर संघ पृष्ठभूमि से आने वाले ताराचंद सारस्वत को दिया था, ऐसे में किसनाराम नाई पार्टी के इस निर्णय से नाराज हो गए और निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ते हुए पार्टी से बगावत कर डाली। बताया जाता है कि इससे भाजपा बड़ा नुकसान हुआ और ताराचंद सारस्वत चुनाव हार गए। सूत्र बताते हैं कि अगर 2018 के चुनाव में अगर किसनाराम नाई निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ते तो भाजपा चुनाव को फाइट करती। ऐसे में अब किसनाराम को वापस पार्टी में शामिल करना और टिकट की रेस में लाना कहीं ना कहीं पार्टी केडिंडेट्स में फूट का कारण बन सकता है। हालांकि यह दिग्गर बात है कि किसनाराम की सशर्त वापसी हुई है तो इससे पार्टी को फायदा होगा, क्योंकि उनके पास भी बड़ा वोट बैंक है जो कहीं ना कहीं भाजपा की टिकट को यहां से विधानसभा पहुंचाने में कामयाब होगा। फिलहाल इस विधानसभा से प्रमुख रूप से भाजपा नेता तोलाराम जाखड़ सहित पांच दावेदार हैं, जिनमें पूर्व देहात अध्यक्ष रामगोपाल सुथार, पूर्व प्रधान छैलूसिंह, किशनाराम गोदारा ,विनोद गुसाईं,कुंभाराम सिद्ध, पूर्व देहात अध्यक्ष ताराचंद सारस्वत व पूर्व विधायक किसनाराम नाई शामिल हैं।


