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बीकानेर मंडल के सभी कारागारों में क्षमता से अधिक बंदी, विरोधी गुटों के बंदी जेलों में आने से बढ़ी सुरक्षा की चिंता

बीकानेर. पुलिस के विशेष धरपकड़ अभियान से प्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक बंदी हो गए हैं। अकेले बीकानेर मंडल के 15 केन्द्रीय कारागारों की बात करें, तो इनमें क्षमता से करीब दो गुना बंदी अभी रखे हुए हैं। हार्डकोर व हिस्ट्रीशीटरों की संख्या बढ़ने से जेल प्रशासन की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। जेलों में दो विरोधी गिरोह के बदमाशों को रखने से जेल प्रशासन को फूंक-फूंक कर कदम रखने पड़ रहे हैं। प्रदेश की जेलों में हार्डकोर व हिस्ट्रीशीटर पहले भी कई बार वारदातों को अंजाद दे चुके हैं। जेल से बंदी रंगदारी, अपहरण और फिरौती वसूलने जैसी वारदातों में ज्यादा लिप्त दिखाई देते रहे हैं। प्रदेश के 33 जिलों में जिला एवं सब जेलों के हालात विकट हैं। दस केन्द्रीय कारागार में 10 हजार 387 बंदियों को रखने की क्षमता है। कई जिला कारागार व उप कारागारों में क्षमता से दो गुना तक बंदी रखने पड़ रहे हैं। प्रदेश में 10 केन्द्रीय कारागार, 26 जिला जेल, 60 उप कारागार, सात महिला जेल, एक हाई सिक्युरिटी और एक किशोर सुधार बंदी गृह जैतारण में हैं। जेल विभाग के सूत्रों के अनुसार वर्तमान में प्रदेश की जेलों में औसतन साढ़े दस हजार बंदी हैं। इनमें 22 फीसदी सजायाफ्ता और 78 प्रतिशत विचाराधीन बंदी हैं। इसके अलावा पुलिस की ओर से पिछले आठ महीनों से विशेष धरपकड़ अभियान और चलाया जा रहा है। इसके चलते भी कई और बंदी बढ़ गए हैं।

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