
ऐसा क्या हुआ की अब स्टूडेंट के साथ मां भी आएगी स्कूल






बीकानेर। सरकारी स्कूल में अब स्टूडेंट्स के साथ उनकी मां को भी आना होगा। मां, हर रोज पढऩे नहीं बल्कि स्कूल की गतिविधियों का निरीक्षण करने के लिए बच्चों के साथ आएगी और आधी छुट्टी तक वहीं पर रहेगी। हर रोज पांच बच्चों की मां प्रार्थना के समय ही स्कूल पहुंच जाएगी। इस दौरान मिड डे मिल का भोजन चखेगी तो दूध की गुणवत्ता भी देखेगी। दरअसल, मुख्य सचिव उषा शर्मा चाहती हैं कि सरकारी स्कूल्स में माताओं का दखल बढ़े ताकि स्तर में सुधार हो सके।
पिछले दिनों आयोजित एक वीडियो कांफ्रेस में मुख्य सचिव ने इस संबंध में निर्देश दिए थे, जिसके बाद राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया। हर स्कूल के प्रिंसिपल व हेडमास्टर सप्ताहभर का कलेंडर तैयार करेंगे कि किस बच्चे की मां को कब बुलाना है। इसके बाद एक दिन पहले माताओं को आमंत्रित किया जाएगा। वो प्रार्थना समय से आधी छुट्टी तक स्कूल में रुकेगी। मिड डे मिल के साथ दूध वितरण व्यवस्था को देखगी। इस बारे में रजिस्टर में सुझाव भी दे सकेंगी। मिड डे मिल आयुक्त चित्रा गुप्ता ने पिछले दिनों जारी आदेश में इस व्यवस्था की मोनिटरिंग के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को पाबंद किया है।
ये लाभ मिलेगा स्कूल को
विभाग का मानना है कि अगर माताएं स्कूल में रहेगी तो न सिर्फ मिड डे मिल और दूध बल्कि पढ़ाई के स्तर में भी सुधार होगा। विलंब से आने वाले टीचर्स भी समय पर आएंगे और स्कूल से बाहर रहने वाले टीचर्स पर भी पाबंदी रहेगी। हालांकि विलंब से आने वाले टीचर्स को कुछ भी कहने का अधिकार माताओं को इस आदेश में नहीं दिया गया है।


