
कैबिनेट मंत्री डॉ. कल्ला ने ऐसा क्यों कहा कि आंदोलन करो, पढ़ें पूरी खबर






खुलासा न्यूज, बीकानेर। शिक्षा और भाषा विभाग के मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा- राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए अब आंदोलन की जरूरत है। राजस्थान सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर दिया लेकिन केंद्र सरकार इसे मानने को तैयार नहीं। राजस्थान की जनता को अपनी भाषा की मान्यता के लिए मैदान में उतरना होगा। चुनाव का समय है और अभी से यह प्रण लेना होगा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता देने वाली पार्टी को ही वोट देंगे। दरअसल, सोमवार को बीकानेर में को राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के वार्षिक समारोह में बोल रहे थे। इस समारोह में राज्य के 32 साहित्यकारों को अलग-अलग पुरस्कार दिए गए। डॉ. कल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थानी भाषा को विधानसभा से पारित करवाया लेकिन केंद्र सरकार ने इसे अब तक स्वीकृति नहीं दी है। ये भी तय है कि जिस दिन केंद्र सरकार इसे संवैधानिक भाषा की मान्यता देगी, उसके चौबीस घंटे में राजस्थान सरकार इसे राजभाषा के रूप में स्वीकार कर लेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थानी विश्व की पुरानी और समृद्धतम भाषाओं में है। इसमें प्रचुर साहित्य सृजन हुआ है। इसका शब्दकोष समृद्ध है तथा दुनिया भर में दस करोड़ से अधिक लोग इस भाषा को बोलते और समझते हैं। उन्होंने कहा कि अकादमी के रिक्त पदों को भरने, स्कूलों में राजस्थानी भाषा शिक्षकों के पद स्वीकृत करवाने, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में स्थाई राजस्थानी भाषा विभाग की स्थापना करवाने की दिशा में कार्य किया जाएगा। अकादमी के अध्यक्ष शिवराज छंगाणी ने कहा कि अकादमी द्वारा राजस्थानी भाषा के विकास के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। कार्यकारिणी के मनोनयन के पश्चात राजस्थानी लेखकों को प्रकाशन के लिए सहायता और विभिन्न पुरस्कार दिए गए हैं। उपाध्यक्ष डॉ. भरत ओला ने स्वागत किया। इस दौरान मधु आचार्य ‘आशावादी’ और रामबक्ष जाट ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन हरीश बी. शर्मा ने किया।
वर्ष 2022-23 के पुरस्कार
सूर्यमल्ल मीसण शिखर पुरस्कार (पद्य) बीकानेर के मधु आचार्य आशावादी को,
गणेशीलाल व्यास उस्ताद पद्य पुरस्कार बारां के मूल निवासी ओम नागर को,
शिवचंद भरतिया गद्य पुरस्कार बीकानेर के कमल रंगा को
मुरलीधर व्यास राजस्थानी कथा साहित्य पुरस्कार अलवर के डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी को
बावजी चतर सिंह अनुवाद पुरस्कार लूणकरणसर के राजूराम बिजारणियां को
सांवर दइया पैली पोथी पुरस्कार भीलवाड़ा के मोहन पुरी को,
जवाहरलाल नेहरू राजस्थानी बाल साहित्य पुरस्कार रायसिंहनगर की किरण बादळ को
प्रेमजी प्रेम राजस्थानी युवा लेखन पुरस्कार लूणकरणसर के देवीलाल महिया को
राजस्थानी महिला लेखन पुरस्कार बीकानेर की डॉ. कृष्णा आचार्य को
रावत सारस्वत राजस्थानी साहित्यिक पत्रकारिता पुरस्कार ‘राजस्थलीÓ पत्रिका श्रीडूंगरगढ़ (सं. श्याम महर्षि) को
भतमाल जोशी महाविद्यालय पुरस्कार प्रथम स्थान प्राप्त बीकानेर के छात्र योगेश व्यास को व द्वितीय स्थान प्राप्त फालना निवासी अभिमन्यु सिंह इंदा को
मनुज देपावत पुरस्कार प्रथम स्थान प्राप्त बीकानेर के छात्र अरमान नदीम को द्वितीय स्थान प्राप्त महाजन निवासी कल्पना रंगा को
राजस्थानी भाषा सम्मान अजमेर के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. चन्द्रप्रकाश देवल को
राजस्थानी साहित्य सम्मान जोधपुर के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अर्जुन देव चारण को
राजस्थानी संस्कृति सम्मान बीकानेर के डॉ. ब्रजरतन जोशी को
राजस्थानी प्रवासी साहित्यकार सम्मान मुंबई के डॉ. रामबक्ष
आगीवाण सम्मान प्रदेश के 14 वरिष्ठ साहित्यकारों को दिया गया, जिसमें नंदकिशोर शर्मा (जैसलमेर), मेहरचंद धामू (परलीका, हनुमानगढ़), चांदकौर जोशी (जोधपुर), दीनदयाल ओझा (जैसलमेर), सोहनदान चारण (जोधपुर), भोगीलाल पाटीदार (डूंगरपुर), भंवरलाल भ्रमर (बीकानेर), गौरीशंकर भावुक (तालछापर, सुजानगढ़), पुरुषोत्तम पल्लव (उदयपुर), श्याम जांगिड़ (चिड़ावा, झुंझुनूं), गोपाल व्यास (बीकानेर), मुकट मणिराज (कोटा), बिशन मतवाला (बीकानेर), उपेन्द्र अणु (ऋषभदेव, उदयपुर) शामिल रहे।


