
राजस्थान में बिजली आपूर्ति पर संकट, 4 हजार जेईएन ने किया कार्य बहिष्कार






जयपुर। प्रदेश में आज से बिजली आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बिजली निगमों के साढ़े 4 हजार से अधिक कनिष्ठ अभियंताओं (जेईएन) ने आज से कार्य बहिष्कार कर दिया है। जेईएन ने सामूहिक अवकाश लेकर जयपुर में जुटना शुरू कर दिया है, साथ ही चेतावनी भी दी है कि सरकार ने मांगे नहीं मानी तो कल से जयपुर में महापड़ाव शुरू किया जाएगा। इससे प्रदेश में बिजली मेंटिनेंस का काम प्रभावित होगा। वहीं राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारियों का भी महापड़ाव आज से शुरू हो गया है।
वेतन व एसीपी विसंगति दूर करने की मांग को लेकर पॉवर इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान के बैनर तले जेईएन ने आज से कार्य बहिष्कार कर विरोध शुरू कर दिया है। इसे लेकर प्रदेशभर से जेईएन का जयपुर में जुटना शुरू हो गया है। जेईएन ने महापड़ाव की भी तैयारी शुरू कर दी है।
बजट घोषणा लागू नहीं
प्रदेश संयुक्त सचिव नितिन जोशी ने बताया कि सरकार ने एसीपी विसंगति दूर करने के लिए बजट में घोषणा भी की है, लेकिन अभी तक बजट घोषणा लागू नहीं की गई है। इसकी क्रियान्वित नहीं होने से अभियंता वर्ग आक्रोशित है। इसे लेकर राज्य के सभी जिलों में मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन भी दिया गया। आज से प्रदेश की बिजली कंपनियों के जेईएन ने कार्य बहिष्कार कर शांति पूर्वक आंदोलन शुरू कर दिया है।
उच्च अधिकारियों का भी समर्थन
उन्होंने बताया कि 4 हजार से अधिक जेईएन सामूहिक अवकाश पर है। इसे लेकर उच्च अधिकारियों का भी समर्थन मिला है। राजस्थान का बिजली जेईएन पूरे देश में सबसे कम वेतनमान पर कार्य कर रहा है। पदोन्नति ना होने पर पूरे सेवाकाल में एक भी पदोन्नति पद का वेतनमान नहीं मिल पा रहा है। सभी जिलों से जेईएन इस आंदोलन में शामिल हो रहे है।
तकनीकी कर्मचारियों का महापड़ाव
राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेश व्यापी आव्हान पर 13 सूत्री मांग पत्र को लेकर आज से जगतपुरा में महापड़ाव शुरू किया जा रहा है। इसमें प्रदेश भर के कर्मचारी जयपुर पहुंच रहे है। प्रदेशाध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर ने बताया कि डिस्कॉम कंपनियों में कार्यरत अधिकारियों व कार्मिको के लिए ओपीएस लागू करने में जो अड़चने डाली जा रही है, उससे कर्मचारियों व अधिकारियों में आक्रोश हैं। सभी की मांग हैं कि राज्य कार्मिकों की तर्ज पर डिस्कॉम कर्मचारियों की भी पेंशन लागू करे।


