
अब पेशी के दौरान बंदियों पर नहीं हो सकेंगे हमले, यह हुई व्यवस्था






बीकानेर। प्रदेश की जेलों में बंद बंदियों की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी। हालांकि यह व्यवस्था अब भी चल रही है, लेकिन अब इसे सौ फीसदी लागू करने की कवायद चल रही है। भरतपुर में प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर कुलदीप जघीना और नागौर में हरियाणा के गैंगस्टर संदीप बिश्नोई उर्फ संदीप सेठी की कोर्ट में पेशी पर लाते समय गोलियों से भूनकर हत्या करने के बाद उच्च न्यायालय ने बंदियों की सुरक्षा के लिहाज से पेशी वीसी से कराने की सख्त हिदायत दी है। उच्च न्यायालय के आदेश की पालना में अब तक वीसी से हार्डकोर बंदियों की पेशी कराई जा रही थी, लेकिन अब सभी वर्ग के बंदियों की पेशी वीसी से कराने पर काम चल रहा है। बीकानेर मंडल में दो केन्द्रीय कारागार, एक महिला जेल, तीन जिला जेल एवं नौ उप कारागार हैं। बीकानेर केन्द्रीय कारागार से हर दिन करीब 80 बंदियों की पेशी कोर्ट में कराई जाती है, जिन्हें सुरक्षा गार्ड के साथ कोर्ट में भेजा जाता है। अब सरकार और उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पिछले एक साल से हार्डकोर बंदियों की पेशी वीसी से करवा रहे हैं। उन्हीं हार्डकोर बंदियों को कोर्ट भेजा जा रहा है, जो अत्यधिक जरूरी होते हैं। भरतपुर में हुए गैंगस्टर कुलदीप जघीना हत्याकांड के बाद बंदियों की फिजिकल कोर्ट में पेशी की मनाही हो गई है। बंदियों की पेशी वीसी से कराने के आदेश हैं। ऐसे में बीकानेर केन्द्रीय कारागार से हर दिन 30 से अधिक बंदियों की वीसी के माध्यम से कोर्ट में पेशी कराई जा रही है।


