
मानसून के बाद जिले में बढ़ा डेंगू-मलेरिया का खतरा, लापता मरीजों को लेकर परेशान प्रशासन






खुलासा न्यूज, बीकानेर। मानसून के बाद शहर में डेंगू-मलेरिया का खतरा बढ़ गया है। बीते सप्ताहभर में पीबीएम हॉस्पिटल में नौ नए डेंगू रोगी रिपोर्ट हो चुके हैं। इनमें से चार की हालत गंभीर होने पर इन्हें भर्ती करवाना पड़ा है। ऐसे में अब तक कुल 22 डेंगू रोगी रिपोर्ट हो चुके हैं। इसी तरह मलेरिया की चपेट में पांच नए रोगी आने के साथ ही इस बीमारी से संक्रमितों की संख्या भी 22 हो गई है। वहीं, बीकानेर में लापता हुए छह डेंगू रोगियों ने स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। कलेक्टर से लेकर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य। सीएमएचओ से लेकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता तक हर कोई इन डेंगू रोगियों की बात कर रहा है। वजह, डेंगू रोगियों का ठिकाना नहीं मिलने से उनके परिवार के लोगों की जांच नहीं हो पाई। उनके घर के आस-पास एंटी लार्वा एक्टीविटी नहीं हुई। ऐसे में संक्रमित मच्छरों की वजह से दूसरे लोगों में बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई। दरअसल, हर रोगी का नाम, पता और फोन नंबर हॉस्पिटल के रिकॉर्ड में लिखे होते हैं। मेडिकल कॉलेज से छह ऐसे लेागों की डेंगू जांच रिपोर्ट पॉजिटिवि आई है जिनके नंबर और ठिकाना नहीं लिखा है। कलेक्टर की मौजूदगी में हुई समीक्षा बैठक में भी यह मुद्दा उठा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि नंबर-ठिकाना नहीं होने से फॉलोअप एक्टीविटी करना संभव नहीं हो पा रहा है। कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने इस पर चिंता भी जताई। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ.गुंजन सोनी ने जांच से जुड़े सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की मीटिंग ली है। उन्होंने सख्त हिदायत दी कि अब ऐसे किसी रोगी की जांच तब तक नहीं होगी जब तक जांच फॉर्म पर उसका नाम, ठिकाना, फोन नंबर स्पष्ट न लिखा हो। इसके अलावा, अब तक जो रिपोर्ट सामने आई है उसके मुताबिक कुल 22 डेंगू रोगियों में से सात बीकानेर शहर में रिपोर्ट हुए हैं। इसी तरह मलेरिया के 30 में से नौ रोगी कोलायत में रिपोर्ट हुए हैं। बीते सालों का अनुभव बताता है कि कोलायत को मलेरिया एंडमिक एवं बीकानेर शहर को डेंगू प्रोन एरिया माना जाता है। इस बार बारिश भी ज्यादा हुई है। जगह-जगह पानी भरा है। ऐसे में मलेरिया-डेंगू का प्रकोप पिछले कई सालों से ज्यादा भी हो सकता है।
कलेक्टर ने दिए ये निर्देश
बीकानेर के जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने मलेरिया-डेंगू की रोकथाम के लिए हर संभव उपाय का निर्देश दिया है। इसके लिए कुछ इंतजाम भी किए हैं। ये हैं:-
– सभी सरकारी कार्यालयों में एक-एक नोडल अधिकारी। ये समन्वय के साथ काम करेंगे।
– हर रविवार मच्छरों पर वार।
– घर-घर सर्वे और एंटी लार्वा, एंटी एडल्ट एक्टीविटी के लिए टीमें।
– स्थानीय निकाय नाले-नालियों की सफाई करवाएंगे। गड्ढे भरवाएंगे।
– जरूरत वाली जगहों पर फोगिंग होगी।
– गांवों में रोकथाम, सर्वे के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग सहयोग करेगा।
– सभी हॉस्पिटल हर दिन होने वाली डेंगू-मलेरिया की जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजेंगे।
– स्कूलों में विद्यार्थियों को जागरूक करने का काम होगा।


