
आखिर में कहां से आ रहे है हथियार शहर में बदमाशों की दहशत, आये दिन फायरिंग से आमजन में भय,






बीकानेर। छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध बीकानेर नगरी में पिछले पांच सालों से बदमाशों ने जिस तरह से दहशत मचाई है उससे ऐसा लग रहा है आने वाले दिनों में युपी बिहार की तरह दिनदहाड़े गोलियां चलेगी। अभी भी देखने में आ रहा है कि बदमाश बेधडक़ होकर दिन हो या रात फायरिंग करने में नहीं कतराते है उनको पुलिस का कोई डर नहीं है। बीकानेर के सबसे ज्यादा फायरिग नयाशहर, मुक्ताप्रसाद, कोटगेट, बीछवाल, सदर आदि ऐसे इलाके है जहां पर बदमाशों ने अपना सुरक्षित अड्डा बना रखा है जहां ये आये दिन गोलियां चलाकर आमजन में दहाशत फैलते है। आपसी रंजिश व रुपये के लेन देन को लेकर बदमाश रात को खुली गाडिय़ों में घुमते है अगर इनसे रात को अगर कोई बीच में आ गया तो बदमाश तुरंत पिस्तौल निकालकर गोलियां चलाने में कोई शर्म नहीं है। अभी अगर कुछ दिन पहले ही नयाशहर में बदमाशों ने एक घर पर खुलेआम गोलिया चलाई थी।
कहां करती है पुलिस गश्त
जिला पुलिस अधीक्षक ने गश्त करने वाली टीम को पूरी तरह से अलर्ट मोड़ पर रहने डियूटी करने के निर्देश दे रखे है गश्त में किसी तरह की लापरवाही बर्दाशत नहीं की जायेगी। लेकिन इसके बावजूद भी प्राय देखने में आता है गश्त करने वाली टीम देर रात को खुले रहने वाले चाय की दुकानों पर बैठकर मजे करते दिखाई देते है। अगर रात को कोई उनको घटना की शिकायत कर दे तो उनके जबाब ऐसे होते है जैसे घटना की जानकारी देने वाला ही घटना में शामिल हो। अगर रात को पुलिस की गश्त है तो फिर रात को जमकर चलने वाली गोलियों की आवाज उन तक क्यों नहीं पहुंच रही है।
पूरी रात घुमते है नशेड़ी व बदमाश
अगर देखा जाये तो देर रात तक नशेड़ी व मंहगी कारों में बदमाश घुमते है पुलिस उनकी गाडिय़ा तक चैक नहीं करती कि कौन है कहां से आया है। इसी लापरवाही का फायदा बदमाश लोग उठा रहे है।
दो दिन पहले ही चली जमकर गोलियां
इसी क्रम में दो दिन पहले भी आपसी रंजिश के चलते दो गुट हुए आमने सामने जिसमें एक गुट ने आधी रात को 50 राउड फायरिंग कर पूरे मौहल्ले मे दहशत फैलाई और मौके से भाग गये। तो गश्ती टीम कहां थी क्या टीम थाने में ही गश्त करती है।
कौन दे रहा है हथियार काहं से आ रहे है
आखिर में इनको हथियार कहां से मिल रहे है और कौन दे रहा है। पुलिस की घोर लापरवाही का नतीजा है शहर में अपराध का ग्राफ बढ़ गया है।
पुलिस मामले को दबाने में माहिर
ऐसा कई बार हुए है जब फायरिंग हो जाती है और घायल तक पीबीएम में पहुंच जाती है फिर भी पुलिस घटना के लिए इंकार करती रहती है पुलिस कई बार मामले को दबाने की पूरी कोशिश करती है।


