
फिर शहर के इस इलाके में मकान गिरा, अवकाश के कारण बच्चे खेल रहे थे क्रिकेट बाल बाल बचे






आखिर निगम की कुंभकरणी नींद कब खुलेगी
बीकानेर। बीकानेर शहर में हो सकता है कभी भी कोई बड़ा हादसा क्योकि शहर में जो मकान बने है उनको करीब 50 साल के ऊपर हो चुके है और वो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके है लेकिन उनके मालिकों द्वारा उनका पुननिर्माण नहीं करवाया जा रहा है जिससे व जर्जर हो चुके है। अभी कुछ दिन पहले ही साले की होली पर एक मकान गिरा यह तो गनीमत रही कि उस समय कोई चहल पहल नहीं थी इसी तहर भाटों के बास में एक मकान गिरने से एक युवक की मौत हो चुकी है उसके बाद भी निगम प्रशासन जर्जर मकानों को लेकर अलर्ट नहीं है जबकि बारिश का दौर लगातार जारी है। जिससे हर समय ये भय बना रहता है कि कौनसा मकान कब गिर जाये। अभी भी शहर के मौहता चौक, बारहगुवाड़, बड़ा बाजार, सब्जी मंडी, नत्थुसर गेट सहित ऐसे कई इलाके है जहां पर मकान जर्जर हालात है जो कभी भी गिर सकते है। कई मकान मालिकों को निगम ने नोटिस देकर इतिश्री कर ली है। शनिवार को एक बड़ा हादस होता होता टला है जब शहर के बीकानेर पश्चिम के वार्ड 74 की पुगलियो की गली में एक दो मंजिला पुराना मकान ढह गया।मकान किसी दम्माणी का बताया जा रहा है जिस पर 21 तारीख को नोटिस चिपका दिया गया था लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई।घटना के वक्त गली के बच्चें खेल रहे थे शुक है कोई दुर्घटना नहीं हुई।मौके पर स्थानीय पार्षद दुलीचन्द शर्मा ने पहुच कर जेसीबी बुलवाई है और अधिकारियों को सूचना की है।


