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पीडब्ल्यूडी ने गार्डर हटाने के लिए लिखा था पत्र, लेकिन नहीं हुई कार्रवाई, नतीजा- हादसे में चली गई दो की जान, जिम्मेदार कौन?

खुलासा न्यूज, बीकानेर। बीकानेर के गजनेर थाना क्षेत्र में सोमवार रात सड़क हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। दरअसल, यहां सड़क पर से भारी वाहनों के प्रवेश को रोकने के लिए अवैध रूप से लगे लोहे के गार्डर लगाए हुए हैं। जिससे टकराने से बस की छत पर सवार लोग घायल हो गए। जानकारी मिली है कि कुछ दिन पहले ही सार्वजनिक निर्माण विभाग ने उपखंड अधिकारी को इस संबंध में एक पत्र देकर सड़क पर लगे लोहे के गार्डर हटाने के लिए आग्रह किया था। इसी पत्र की एक कॉपी गजनेर पुलिस को भी दी गई, लेकिन दोनों ने कार्रवाई नहीं की।

दो लोगों मौत, एक दर्जन लोग हुए घायल

दरअसल, रात में जब बस यहां से गुजरी तो ड्राइवर को ये गार्डर दिखाई नहीं दिया। वहीं अंधेरे के कारण बस की छत पर बैठी सवारियों को भी आगे गार्डर होने का अहसास नहीं हुआ। बताया गया कि छत पर 15-20 सवारियां बैठी थी, जो लोहे के गार्डर से टकरा गई। इनमें 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 सवारियों को गंभीर चोटें आई हैं। घायलों को बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं मृतकों के शव का अब पोस्टमार्टम हो रहा है। घटना के बाद बीकानेर एसपी तेजस्वनी गौतम भी मौके पर पहुंची।

उठे रहे सवाल

हादस के बाद सवाल ये उठ रहा है कि ये गार्डर समय रहते क्यों नहीं हटाया गया। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने तीस जून को पत्र लिखा था कि इस गार्डर को हटा दिया जाए। इतना ही नहीं सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का जिक्र भी किया गया। पत्र की प्रति पुलिस को दी गई ताकि इस पर कार्रवाई हो सके। इसके बाद भी दोनों ने कोई कार्रवाई नहीं की और इसका परिणाम ये रहा कि दो लोगों की मौत हो गई जबकि अनेक घायल हो गए। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि इस हादसे का जिम्मेदार कौन?

स्पीड में थी बस

वहीं, यह बात भी सामने आ रही है कि खुली रोड होने के कारण बस भी पचास किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा स्पीड में थी। ऐसे में गार्डर से हुई टक्कर ने बुरी तरह घायल कर दिया। किसी को संभलने का मौका भी नहीं मिला। करीब बारह फीट ऊंचे इस गार्डर के नीचे से बस तो निकल गई लेकिन ऊपर बैठी सवारियों के चोट लगी।

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