मूलभूत सुविधाओं को तरस रहा यह सरकारी स्कूल, बच्चों के साथ मिलकर ग्रामीणों ने की तालाबंदी, समाधान नहीं हुआ तो पैदल कूच करेंगे बीकानेर

मूलभूत सुविधाओं को तरस रहा यह सरकारी स्कूल, बच्चों के साथ मिलकर ग्रामीणों ने की तालाबंदी, समाधान नहीं हुआ तो पैदल कूच करेंगे बीकानेर

बीकानेर। जहां एक तरफ सरकार शिक्षा को बड़े-बड़े दावे और योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर रही है, वहीं दूसरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कई ऐसी स्कूलें है जहां मूलभूत सुविधाएं बच्चों को नहीं मिल। इन मूलभूत सुविधाओं के लिए बच्चों को इस गर्मी में धरना-प्रदर्शन करना पड़ रहा है। बीकानेर के नजदीक रायसर गांव की सरकारी स्कूल के ऐसे ही हालात है। जिसमें मूलभूत सुविधाओं के अभाव है। सीनियर सैकेंडरी की स्कूल में ना बैठने के लिए जगह है और ना ही व्यवस्थाएं। इसी से परेशान होकर आज स्कूली बच्चों ने स्कूल के ताला लगा दिया। बच्चों और उनके परिजनों की मांग है कि स्कूल में हालात इतने दुर्भर है कि कभी भी कोई हादसा हो सकता है। स्कूल की छतों से बरसताी पानी टपक रहा है। वहीं कई कमरों की पट्टियों के गिरने का डर सता रहा। ऐसे में स्कूल समय में अगर ऐसा हादसा हो गया तो जिम्मेवारी किसकी होगी। इसी डर के चलते कई दिनों से ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल तक नहीं भेज रहे है। स्थानीय लोगों ने बताया कि स्कूल में करीब 800 बच्चे पढ़ते है लेकिन फिर भी सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। इस सम्बंध में कई मर्तबा जिला कलक्टर को सूचना दी गयी लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। समस्या का समाधान ना होने से परेशान बच्चों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर तालाबंदी की है। ग्रामीणों ने कहा कि गुरूवार तक अगर प्रशासन हमारी बातों को नहीं मानती है और जर्जर हालात में चल रही स्कूल की सुध नहीं लेती है तो स्कूली बच्चों के साथ रायसर से बीकानेर पैदल की कूच किया जाएगा। ग्रामीणों ने कहा कि स्थानीय विधायक भी इस पर गौर नहीं कर रहे है। धरने पर बैठने वालों में अक्षय रामावत, गोविंद सिंह, लक्षमण सिंह, बीरबल सिंह, गोविंद रामावत, राजुराम, गौरीशंकर, भैरूसिंह, छेलुसिंह, करणी सिंह सहित अनेक ग्रामीण मौजूद रहें।

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