पूर्व सरपंच एवं सोशल वर्कर रामस्वरूप जयपाल ने लिया देहदान का संकल्प

पूर्व सरपंच एवं सोशल वर्कर रामस्वरूप जयपाल ने लिया देहदान का संकल्प

बीकानेर। एसपी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी द्वारा देहदान को लेकर सर्व समाज में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है इसी प्रेरणा से सोमवार को उदासर ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच रामस्वरूप जयपाल ने अपने गांव के मौजिज व्यक्तियों के बीच देहदान का संकल्प लिया, उदासर गांव में आयोजित हुए देहदान कार्यक्रम के दौरान सरपंच, अजमेर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ वीरबहादुर सिंह एवं रामस्वरूप के परिवार जन उपस्थित रहे।
रामस्वरूप ने बाताया कि उन्हें देहदान का संकल्प लेने की प्रेरणा संम्भागीय आयुक्त डॉ. नीरज के पवन द्वारा देहदान का संकल्प लेने का समाचार पढक़र मिली। संकल्प लेने के पश्चात उन्होनें अपना संकल्प पत्र मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी को सौंपा, इस दौरान उनके साथ योग साधक विनोद जोशी, तथा कॉलेज प्रशासन की ओर से पीबीएम अधीक्षक डॉ. पीके सैनी, अतिरिक्ति प्राचार्य डॉ. रेखा आचार्य, वित्तीय सलाहकार मीना सोनगरा, रवि बजाज तथा विनय थानवी आदि उपस्थित रहे।
कॉलेज के एनाटॉमी विभाग के नोडल ऑफिसर डॉ. जसकरण ने देहदान के संकल्प से जुड़ी सभी ऑपचारिकताएं पूर्ण की। रामस्वरूप के इस निर्णय की प्राचार्य डॉ. सोनी ने तारिफ करते हुए कहा कि ग्रामीण अंचल में रहते हुए आपका यह कदम तारिफे काबिल है निश्चित रूप से आपके इस निर्णय से ग्रामीण अंचल से और भी व्यक्तियों को प्रेरणा मिलेगी आपके इस कदम से समाज को कुशल चिकित्सक उपलब्ध होगें ।
उल्लेखनीय है कि सोशल वर्कर एवं पूर्व सरपंच रामस्वरूप जयपाल का जीवन प्रेरणा स्त्रोत है इन्होने अपने सरपंच कार्यकाल (1995-2000) के दौरान राजकीय योजना के अंतर्गत जनसहयोग से राशि एकत्रित कर अपने गांव के विद्यालय को दसवीं का क्रमोन्नत करवाया, छात्र विद्यालय में पुस्तकालय का निर्माण करवाया, अपने गांव में ग्रेवल रोड़ एवं नालियां का निर्माण कार्य करवाया, सभी ग्रामवासियों को साथ लेकर गांव के विकास के लिए समरसता स्थापित करने का प्रयास किया। यह भी उल्लेखनीय है कि पूर्व सरपंच रामस्वरूप सात पुत्रियों के पिता है, इन्होने अपने समय में अपनी पुत्रियों को पढ़ाने के लिए खूब संघर्ष किया, ये अपनी बड़ी पुत्री के 8वीं कक्षा पास करने के बाद उसके नियमित अध्यापन के लिए रोजना उदासर से बीकानेर शहर स्थित लेडि एल्गिन स्कूल रोज लाते ले जाते थे इनके इस कदम से अन्य ग्रामिण भी प्रेरित हुए। आज इनकी सात पुत्रियों में तीन राजकीय सेवा में जीएनएम तथा व्याख्याता पद पर अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है। इनके देहदान के संकल्प से अनेक ग्राम वासियों को प्रेरणा मिली है।

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