आकाश में बदले दिखते ही घर के बच्चों में भय हो जाता है क्यो होता है ऐसा

आकाश में बदले दिखते ही घर के बच्चों में भय हो जाता है क्यो होता है ऐसा

बीकानेर। कस्बे में बारिश के दिनों में निचले इलाकों की हालत बेहद खराब रहती है। बरसाती पानी से यहां के लोगों का जनजीवन प्रभावित होता है। इन इलाकों के लोग चाहते है कि बारिश नहीं हो, वरना पानी से हाल-बेहाल हो जाएगा। यहां बारिश होते ही मुख्य मार्गों और गलियों में दो से तीन फीट तक जलभराव हो जाता है, जिससे हालत बेहद खराब हो जाती है और लोगों का घरों सेबाहर निकलना दूभर हो जाता है।
कई बार तो तेज बारिश होने से पूरा इलाका लबालब हो जाता है। लोगों के घरों में बारिश व नालियों का गंदा पानी घुस जाता है। इस पानी को निकलने व जनजीवन सामान्य होने में दो-तीन दिनलग जाते हैं। इतने में फिर बारिश आती है तो हाल खराब हो जाते हैं। मानसून के दिनों में घरों से बाहर नहीं निकला जा सकता है। बाहर जाना है तो गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है। यहां परबरसाती पानी निकासी की उचित व्यवस्था नहीं होने से लोगों को खासी परेशानी होती है। मुख्य मार्गों व गलियों में जमा पानी व कीचड़ कई दिनों तक सड़ांध मारता है। जलभराव होने से मच्छरपैदा हो जाते हैं, जिससे बीमारियां फैलने का अंदेशा भी रहता है। हालांकि बारिश के दिनों में जलभराव होने पर कुछ जगह नगरपालिका द्वारा बूस्टर लगाकर पानी निकासी व्यवस्था की जाती है।इन इलाकों में होता जलभराव
कस्बे के उगमपुरा, कानपुरा, मोहनपुरा, जोरावरपुरा सहित कुछ अन्य निचले इलाकों में बारिश के दिनों में जलभराव की समस्या रहती है। यहां की बस्तियों के मुख्य मार्गों व गलियों में बरसातीपानी एकत्रित होने से लोगों को परेशानी होती है। आई तेज बारिश के दौरान गलियों में जलभराव हो गया। कुछ घरों में पानी घुस गया। लोग बरसाती पानी निकालने में लगे रहे।यहां पर रहने वाले लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हुई।

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