सूरसागर जलभराव का होगा स्थायी समाधान, तैयार हुआ यह प्लान

सूरसागर जलभराव का होगा स्थायी समाधान, तैयार हुआ यह प्लान

बीकानेर। जूनागढ़ से नगर निगम तक बारिश के बाद जमा हाेने वाले पानी के स्थायी समाधान के लिए अब निगम ने साेचना शुरू कर दिया है। विकल्प के ताैर पर निगम के पास बने पेट्राेल पंप से हाेमगार्ड ऑफिस तक नाला बनेगा। वहां आरयूआईडीपी के नाले से इसको मिला दिया जाएगा। इसके ले आउट और लेवल की नापजाेख के बाद इस प्राेजेक्ट काे शुरू किया जाएगा। करीब आठ से 10 कराेड़ रुपए इस पर खर्च हाेगा। दरअसल काेटगेट साइड से जाे पानी आता है वाे जूनागढ़ के आगे तक आता है क्याेंकि काेटगेट इलाका ऊंचा और जूनागढ़ के पास निचला है। उधर पुरानी गिन्नाणी से हाेते ही इंदिरा काॅलाेनी, सुभाषपुरा समेत कई काॅलाेनी का पानी आता है वाे भी सूरसागर और नगर निगम के पास एकत्र हाेता है। काेटगेट की ओर से आने वाला पानी ऊंचाई से आता है इसलिए नाले से वाे पहले निकलता है क्याेंकि उसका प्रेशर ज्यादा हाेता है। सुभाषपुरा, इंदिरा काॅलाेनी का पानी तब तक गिन्नाणी की तमाम गलियों-सड़कों पर भर जाता है। जब काेटगेट से आने वाला पानी निकल जाता है तब ये पानी निकलता है। इसलिए सूरसागर से लेकर नगर निगम तक बारिश के बाद ज्यादा पानी एकत्र हाेता है। निगम ने पेट्राेल पंप के पास के पास के नाले को लिंक करते हुए दूसरा नाला बनाएगा जाे कीर्तिस्तंभ चाैराहा हाेते ही हाेमगार्डस आॅफिस तक जाएगा। वहां उस नाले काे आरयूआईडीपी के नाले में जाेड़ा जाएगा। इससे काेटगेट का पानी जूनागढ़ के पास बने नाले से हाेकर निकलेगा। दूसरी ओर गिन्नाणी समेत निगम इलाके में जमा पानी भी आरयूआईडीपी के रास्ते निकल जाएगा। नगर निगम के पास डेयरी बूथ के पास बने नाले से कीर्तिस्तंभ के पास आरयूआईडीपी के नाले के बीच एक पाइप डालने की तैयारी थी। इसकी लागत करीब 12 लाख रुपए है। एक्सईएन राजीव गुप्ता ने बताया कि इसका टेंडर किया लेकिन काेई फर्म नहीं आई इसलिए अब री-टेंडर हाेगा।

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