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बीकानेर से खबर- ‘मिलिट्री ने किया ड्रोन का प्रयोग तो भयावह होगा परिणाम’

– सेना की सप्त शक्ति कमांड का अलंकरण समारोह
खुलासा न्यूज़, बीकानेर। दक्षिण पश्चिमी कमान के आर्मी कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल आलोक क्लेर ने कहा कि भारतीय सेना किसी भी परिस्थति में मुकाबला करने को तैयार है। खासतौर पर आंतकवाद और आंतकवादियों से मुकाबला और उनका सफाया करने में किसी भी प्रदेश के स्थानीय नागरिकों और प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। रणबांकुरे डिवीजन के अनन्त विजय ऑडिटोरियम में आयेाजित समारोह के बाद संवाददाताअेां से बातचीत करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल आलोक कलेर ने कहा कि सेना में भारत -पाक सीमा क्षेत्र ड्रोन में डायरेक्ट और इन डायरेक्ट इस्तेमाल किया जाता है। इन दोनों की स्थिति अलग अलग होती है। अभी जो ड्रोन इस्तेमाल किये जा रहे है वह गलत तरीके से इस्तेमाल किये जा रहे है। उन्होने कहा कि ड्रग व हल्के ड्रोन की रोकथाम के लिए भारतीय सेना इसे बंद करेगी दक्षिण पश्चिमी कमान के आर्मी कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल आलोक क्लेर ने बाद में पुरस्कार विजेताओं और उनके परिवार वालों के साथ बातचीत की और भारतीय सेना द्वारा व्यावसायिकता के उच्चतम मानक को बनाए रखने के लिए उनके अमूल्य योगदान को स्वीकार किय । इससे पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल आलोक क्लेर, परम विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, जीओसी-इन-सी दक्षिण पश्चिमी कमान ने अलंकरण समारोह में सेना के जवानों को वीरता और विशिष्ट सेवा मेडल प्रदान किए। इसमें एक युद्ध सेवा मेडल, बीस सेना मेडल (वीरता), दो सेना मेडल (विशिष्ट सेवा) और छह विशिष्ट सेवा मेडल प्रदान किए गए। पैराट्रूपर मुकुट बिहारी मीणा और सिपाही मनदीप सिंह ने ऑपरेशन के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया था, उन्हें मरणोपरांत पुरस्कार दिया गया। इसके साथ ही इक्कीस यूनिटों को राष्ट्र और भारतीय सेना में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दक्षिण पश्चिमी आर्मी कमांडर के यूनिट प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। कमांडिंग ऑफिसर और यूनिट के सूबेदार मेजर को सेना के कमांडर से प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला। बड़ी संख्या में सेना के अधिकारियों, प्रतिष्ठित व्यक्तियों और अन्य अतिथियों ने इस अवसर पर स्वागत किया।

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