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कूट रचित दस्तावेज तैयार कर फाइनेंस कंपनी के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप,मामला दर्ज

महेश देरासरी
महाजन। थाना क्षेत्र में बजाज फाइनेंस कंपनी के साथ डीलर ने फर्जी तरीके से कूट रचित दस्तावेज तैयार कर घरेलू सामान का ऋण देने के नाम पर कंपनी के साथ ठगी करने का आरोप लगाते हुए कंपनी के मैनेजर ने तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज करवाया।
महाजन थाने से मिली जानकारी के अनुसार बजाज फाइनेंस कम्पनी में शाखा हनुमानगढ़ में सहायक मैनेजर RCU शुभम दाधीच पुत्र संजय दाधीच निवासी हनुमानगढ़ ने  दर्ज रिपोर्ट में बताया कि बजाज फाइनेंस ग्राहक की सुविधा के लिए गांवो में अधिक्रत डीलर न्युक्त कर उनके द्वारा ग्राहक को घरेलू उत्पादन लोन पर देती है । वहीं बजाज कम्पनी उस उत्पाद का एकमुश्त राशि का भुगतान डीलर को कर देती है। ग्राहक से उत्पाद की राशि को आसान किस्तों में वसूली जाती है । महाजन थाना क्षेत्र में बजाज फाइनेंस कम्पनी ने न्यू शिवा मोबाईल अर्जुनसर मालिक देव भार्गव पुत्र श्री रामूराम  निवासी अर्जुनसर एक वर्ष से अधिक्रत डीलर नियुक्त कर रखा है। जो  ग्राहक को लोन स्वीक्रत होने पर घरेलू सामान उपलब्ध करवाता है | डीलर न्यू शिवा मोबाईल ने कम्पनी की शर्तें व् एग्रीमेंट की अवहेलना करते हुए  श्रीराम अवतार पुत्र जगदीशप्रसाद निवासी महाजन तथा FOS के स्टाफ  विष्णु पुत्र बंजरंगलाल महाजन  के आपसी मिलीभगत व् आपराधिक षडयंत्र कर करीब 33 ग्रहाको के घरेलू उत्पाद पर ऋण राशि स्वीक्रत करवाकर उन्हें घरेलू उत्पाद नही देकर नगद राशि का भुगतान किया गया है | इन 33 ग्राहकों को व्यक्तिगत ऋण न देकर उत्पाद ऋण के बदले में नगद राशि दी गई है। जो कम्पनी के नियम व् शर्तो के अनुसार गलत है | कम्पनी द्वारा उत्पाद के बदले में पैसा न्यू शिवा मोबाइल अर्जनसर मालिक देव भार्गव के बैंक खाते में डाला गया |  ग्राहक को  जितना ऋण स्वीक्रत हुआ है उतना ऋण भी उन्हें नही मिला | डीलर ने कूटरचित व् फर्जी बिल वाउचर तैयार कर हमारी कम्पनी से गलत भुगतान प्राप्त किया है || कम्पनी ने डीलर को  5 लाख  की अग्रिम राशि भी दे रखी है जो दुकानदार ने कम्पनी को अदा नही की है | अधिकारियों ने डीलर सहित तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है। मामले की जांच की जा रही है।
ग्राहको को लगाया लाखो का चुना,
बजाज कम्पनी के एजेंट व डीलर ने ग्राहकों के नाम पर मोबाइल या अन्य प्रोडक्ट फाइनस कर देते थे। ऐसे में कम्पनी से मिलने वाली राशि की आधी राशि ही ग्राहक को मिलती थी। वहीं ग्राहक को पूरी राशि किश्तों में जमा करवानी पड़ती थी। डीलर ने कुछ को जानकारी में रखकर फ़्रॉड किया। तो कहीं ग्राहक को अंधेरे में रखकर लाखो का चूना लगा दिया। वहीं कुछ ग्राहकों को फ़्रॉड के बारे में पता चला तो होश उड़ गए। कुछ ग्राहकों ने रुपये जमा करवाकर मामला क्लियर करवाया।
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