
पायलट की तीन मांगों पर 15 दिन का अल्टीमेटम काल, काउंटडाउन ख़त्म होने से ऐन पहले आई ये बड़ी खब





जयपुर।पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपनी ही कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। वे गहलोत सरकार से तीन मांगें पूरी करने पर अड़े हुए हैं। इसके लिए उन्होंने 15 मई को जयपुर में हुईएक सभा में 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए आंदोलन तेज़ करने का ऐलान किया था। लेकिन अब पायलट के अल्टीमेटम काल के काउंटडाउन के बीच एक बड़ी खबर आई है।राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने गुरुवार को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के 15 दिन के अल्टीमेटम मामले पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा किसचिन पायलट ने कांग्रेस या हाईकमान को कोई अल्टीमेटम नहीं दिया है और जिसे अल्टीमेटम दिया है, इसका जवाब भी वही दे सकते हैं।रंधावा ने कहा कि पायलट यदि मुझे या कांग्रेस हाईकमान को अल्टीमेटम देते तो मैं जवाब दे देता। गौरतलब है कि पायलट ने 11 से 15 मई तक अजमेर से जयपुर तक पदयात्रा निकाली थी और समापन परअपनी तीन मांगों को लेकर 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था।अंदरूनी झगड़ों को हम कंट्रोल कर लेंगे
राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस में अंदरूनी झगड़ों को हम कंट्रोल कर लेंगे। रंधावा ने सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए गहलोत और पायलट के बीचखेमेबाजी को लेकर कहा कि जिस पार्टी और घर में कुछ होता है तो लड़ाई भी वहीं होती है, यदि कहीं कुछ होगा ही नहीं तो वहां लड़ाई क्या होगी।
इधर, गहलोत का फिर पायलट पर निशाना
राजस्थान कांग्रेस के दो सीनीयर मोस्ट नेताओं के बीच अदावत खुलकर सामने आई हुई है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने जहां अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है तो वहीं मुख्यमंत्रीअशोक गहलोत भी पायलट पर बार-बार निशाना साधने से नहीं चूक रहे हैं। इधर कांग्रेस आलाकमान भी दोनों नेताओं के बीच जारी खींचतान में ज़्यादा कुछ करता नहीं दिख रहा है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान दिए संबोधन में एक बार फिर सचिन पायलट को निशाने पर लिया। हालांकि इस बार उन्होंने नाम लिए बगैर अपनी बात कही और पायलट कीओर से उठाई जा रही एक मांग को ‘बुद्धि का दिवालियापन’ बता डाला।
सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार ने 26 लाख युवाओं को रीट परीक्षा के लिए नि:शुल्क ट्रांसपोर्ट दिया, मगर जब पेपर आउट हुआ तो वही हाइलाइट हो गया। हमारे यहां मांग की जाती है कि पेपर आउट होगया तो मुआवजा दो। इसे बुद्धि का दिवालियापन ही कहेंगे। दुनिया में ऐसी मांग किसी ने आज तक नहीं की। ये लोग समझते ही नहीं हैं कि क्या करना है। गौरतलब है कि सचिन पायलट ने जिन मांगों कोलेकर सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दे रखा है, उसमें एक मांग यह भी है।
जारी है शब्द बाण’ का सिलसिला
सीएम गहलोत के पायलट को लेकर नाराजग़ी समय-समय पर झलकती रही है। अब तक वे कई बार ऐसे ‘शब्द बाण छोड़ चुके हैं जो सुर्खियां बने रहे। इनमें ‘निकम्मा, ‘नाकारा’, ‘वायरस’, ‘गद्दार’
शब्द शामिल हैं।
ये हैं सचिन पायलट की तीन मांगे-
– आरपीएससी बोर्ड को भंग किया जाए
– पेपर आउट होने वाली परीक्षाओं के अभ्यर्थियों को मुआवज़ा दिया जाए
– पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कथित भ्रष्टाचार मामलों की जांच कर कार्रवाई की जाए


