
टॉक विद बीएमआर का पहला शो : विदेशों की बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाला प्रोफेसर कैसे बना गया सन्यासी, देखें वीडियो






खुलासा न्यूज, बीकानेर। ‘TALK WITH BMR’ शो के प्रथम एपिसोड में स्वामी अभयानंद सरस्वती जी महाराज अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। स्वामी जी ने आयुर्वेद की महता का बखान करते हुए बताया कि अध्यात्म एवं आयुर्वेद आज की पीढ़ी के लिए अनिवार्य विषय बन गए है। बता दें, स्वामी जी दक्षिण भारत के मूल निवासी है लेकिन बौद्धिक एवं आध्यात्मिक चेतना जागृत होने के उपरांत बीकानेर में आश्रम स्थापित कर सन्यासी जीवन व्यतीत कर रहे है। आयुर्वेद के विषय पर स्वामी जी ने कई शोध कार्य किए। गेंदे के फूल को सर्वश्रेष्ठ एंटीबायोटिक बताकर आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में एक बड़ा नाम कमाया। उन्होंने बताया की परंपरागत रूप से अतिथियों को सम्मान देने के लिए पहनाने वाली गेंदे की पुष्पमाला का वैज्ञानिक कारण भी है। स्वामी जी ने बताया कि वैभवशाली जीवन ही सब कुछ नहीं है, यह एक क्षणिकमात्र खुशी का आभास मात्र है। असल में अध्यात्म से जुड़ाव ही शाश्वत खुशी है। प्रकृति को परमेश्वर स्वरूप मानकर उसकी पूजा करने एवं उसके सरंक्षण के लिए आमजन से अपील की। साथ ही जीव मात्र के प्रति दया भाव रखने का नैतिक संदेश दिया। आयुर्वेद के शोधकर्ता के रूप में स्वामी जी ने बताया की दैनिक दिनचर्या में आयुर्वेदिक औषधीय पादपों के उत्पादों के सेवन से मनुष्य अनेक प्रकार की शारीरिक रुग्णता से मुक्ति पा सकता है। जब स्वामी जी से पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में पूछा गया तब उन्होंने बताया कि पूरा मानव जगत ही मेरा परिवार है, ईश्वर की उपासना मेरा कर्तव्य है एवं आयुर्वेद के माध्यम से आमजन की सेवा मेरा संकल्प है। बता दें टॉक विद बीएमआर के प्रथम एपिसोड में अतिथि के रूप में स्वामी भयानन्द सरस्वती जी महाराज को आमंत्रित किया। आज ही इस एपिसोड का सार्वजनिक प्रसारण किया गया है।


