
मृतकों को गांवों में दिखाया मनरेगा श्रमिक; बीडीओ, वीडीओ, एलडीसी दोषी






श्रीगंगानगर। अनूपगढ़ पंचायत समिति के अधीन ग्राम पंचायत 22 ए व 78 जीबी में मनरेगा योजना में मनरेगा योजना में मृत व्यक्तियों के काम करना दिखाने के मामले में जांच कमेटी ने जांच पूर्ण कर रिपोर्ट सीईओ को सौंप दी है।
इस मामले में जांच के लिए गठित कमेटी के अधिकारियों ने दैनिक भास्कर की खबर मनरेगा में यहां मुर्दे भी कर रहे काम शीर्षक से छपी खबर की सत्यता पर मुहर लगा दी है। इस मामले में पंचायत समिति अनूपगढ़ के विकास अधिकारी, पंचायत समिति के संबंधित शाखा कार्मिक, ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी व एलडीसी को दोषी माना गया है।
जांच में पता लगा 2019-20 में भी इन्हीं मृतकों को श्रमिक दिखा काम करना बताया था
1. धर्मचंद व सत्यादेवी की मस्टररोल में उपस्थिति दर्ज नहीं पाई गई। मृत दोनों श्रमिकों के नाम से मनरेगा में भुगतान उठाने संबंधी जांच की गई तो पाया गया कि वर्ष 2019-20 में भी मनरेगा के तहत कार्य में मृत श्रमिकों की ओर से काम करना दिखाया गया।
2. बैंक कर्मी को भी इस पंचायत में मनरेगा में काम करना दिखाया गया। बैंक कर्मी ने जांच टीम को दिए बयान में बताया कि उसने मनरेगा में रोजगार के लिए आवेदन ही नहीं किया। पंचायत ने ही उसका नाम दर्ज किया है।
3. मस्टररोल में अंकित नाम इकबाल सिंह ने जांच टीम को बताया कि उसने मनरेगा में ना तो कभी काम किया तथा ना ही काम मांगा। मुझे तो अब यह पता चला है कि मेरा जॉब कार्ड जारी है तथा मस्टरोल में मेरा नाम दर्ज किया गया है।
जांच कमेटी ने दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों का बचाव करते हुए उनके नाम इस जांच रिपोर्ट में नहीं लिखे हैं।
ग्राम पंचायत 74 जीबी में ये भ्रष्टाचार: मनरेगा योजना में खाला पटड़ा सुदृढ़ीकरण कार्य के जारी मस्टररोल में जसवीर कौर पत्नी साधु सिंह का नाम दर्ज है जिसकी मृत्यु 21 सितंबर 2021 को हो चुकी है। मस्टररोल में हालांकि श्रमिक के नाम के आगे उपस्थिति दर्ज नहीं है, लेकिन कॉलम खाली रखा गया है।
ये हैं दोषी: इस मामले में जांच कमेटी ने दोनों पंचायतों के एलडीसी, ग्राम विकास अधिकारियों को मृतकों के नाम जॉब कार्ड से नहीं हटाने, कार्यक्रम अधिकारी/ विकास अधिकारी पंचायत समिति अनूपगढ़ को मॉनिटरिंग नहीं करने, पंचायत समिति में मनरेगा मस्टररोल जारी करने वाले संबंधित कार्मिक को दोषी माना है।
इस मामले में दोषी अधिकारियों-कर्मचारि यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच कमेटी से इस मामले में दोषी अधिकारियों कर्मचारियों के नाम मांगे गए हैं। मोहम्मद जुनैद, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद श्रीगंगानगर।
3 सदस्यीय कमेटी ने की जांच
मनरेगा में भ्रष्टाचार का खुलासा करने के बाद जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद जुनैद ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला परिषद के एक्सईएन रमेश मदान, लेखाधिकारी मनरेगा सुधीर सैनी व सहायक विकास अधिकारी मनोज मुंजराल को शामिल करते हुए जांच कमेटी कठित कर इस मामले की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे। जांच कमेटी में शामिल अधिकारियों ने अनूपगढ़ पंचायत समिति की ग्राम पंचायत 22 ए व 74 जीबी पहुंचकर इस मामले की विस्तृत जांच की तथा ग्रामीणों से पूछताछ की तो भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई।


