पुलवामा हमले की पहली बरसी पर संयोग, शहीद के परिवार में जन्मा छोटा रोहिताश, वीरांगना बोली फोटो खिंचवाने आते हैं नेता

पुलवामा हमले की पहली बरसी पर संयोग, शहीद के परिवार में जन्मा छोटा रोहिताश, वीरांगना बोली फोटो खिंचवाने आते हैं नेता

खुलासा न्यूज़, नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आंतकी हमले में शहीद हुए गोविन्दपुरा बासड़ी गांव के जवान रोहिताश लाम्बा की शहादत की पहली बरसी पर जहां परिवारजन उनकी याद में गमगीन थे, वहीं परिजनों के लिए खुशियों की सौगात भी आई इसे विधि का विधान कहे या फिर संयोग कि आंतकी हमले में रोहिताश शहीद हुआ, उसी दिन उसके परिवार में नन्हे बच्चे की किलकारी गूंजी। शहीद के छोटे भाई जितेन्द्र लाम्बा की पत्नी ने शनिवार सुबह निजी अस्पताल में बेटे को जन्म दिया। इससे बेटा खोने से गमजदा माता-पिता व अन्य परिजनों में हमले की पहली बरसी पर खुशी की लहर दौड़ गई। खास बात तो यह रही कि परिवारजनों ने नन्हेे बच्चे का नाम भी रोहिताश लाम्बा ही रखा। परिवार में शहादत के दिन बेटे का जन्म होने से परिवार में खुशी का माहौल नजर आया। शहीद के छोटे भाई जितेन्द्र लाम्बा की पत्नी हंसा देवी के प्रसव पीड़ा होने पर परिजन सुबह 6 बजे चौमूं के निजी अस्पताल लेकर गए, जहां शुक्रवार सुबह उसने 8.40 बजे बच्चे को जन्म दिया। जितेन्द्र के डेढ़ साल की बेटी भी है। उल्लेखनीय है कि रोहिताश लाम्बा 14 फरवरी 2019 को आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए अनेक लोग शहीद स्मारक पर पहुंचे, जहां शहीद को नमन किया। शहीद की शहादत को कोई भुला नहीं सकता, लेकिन कोई नेता इस शहीद के स्मारक पर नहीं पहुंचा। शहीद की वीरांगना मंजू देवी बोली कि फोटो खिंचवाने के लिए लोग यहां आते हैं, लेकिन आज जब इतना बड़ा दिन था, लेकिन कोई नेता नहीं आया। सरकार द्वारा की गई घोषणाएं भी अधूरी है। वीरांगना मंजू देवी ने कहा यदि घोषणाएं पूरी नहीं होती है तो वह अनशन पर बैठ जाएगी।

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