डिस्काॅम का तीन साल में सबसे ज्यादा फ्यूल सरचार्ज, पिछले साल अप्रैल से जून तक हुए बिजली खर्च पर लगाया इतने पैसे प्रति यूनिट का चार्ज

डिस्काॅम का तीन साल में सबसे ज्यादा फ्यूल सरचार्ज, पिछले साल अप्रैल से जून तक हुए बिजली खर्च पर लगाया इतने पैसे प्रति यूनिट का चार्ज

प्रदेश में घरेलू, अघरेलू व औद्योगिक उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में इस महीने 500 से 5000 रुपए तक का फ्यूल सरचार्ज जोड़ कर दिया जा रहा है। यह पिछले तीन साल में सबसे ज्यादा है। हर बिल में औसतन 1500 रु. वसूले जा रहे हैं। इस बार पिछले साल अप्रैल-मई-जून की तिमाही के बिजली उपभोग पर 45 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से फ्यूल सरचार्ज लगाया है। यानि गर्मियों में अधिकतम बिजली खर्च पर अधिकतम फ्यूल सरचार्ज लग रहा है। इससे पहले अप्रैल 2019 से जून 2019 के दौरान 55 पैसे प्रति यूनिट का फ्यूल सरचार्ज लगा था। ज्यादा राशि का बिल आने को लेकर हर सबडिवीजन में रोजाना 10 से 15 शिकायतें आ रही हैं। लेकिन सहायक अभियंता इसे डिस्कॉम की कॉमर्शियल विंग का आदेश बता कर सुनवाई से इनकार कर रहे हैं। बिलिंग को लेकर जयपुर शहर में सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही हैं।

यह है फ्यूल सरचार्ज की गणित :
प्रदेश में रोजाना औसतन 28 करोड़ यूनिट बिजली सप्लाई की जाती है। मानसून के दौरान यह आंकड़ा रोजाना 20 करोड़ यूनिट तक रहती है, जबकि गर्मियों व रबी सीजन के दौरान सर्दियों में 28 से 32 करोड़ यूनिट तक पहुंच जाती है। यानि हर साल 7500 करोड़ यूनिट बिजली सप्लाई की जाती है। हर साल करीब 1500 करोड़ रुपए फ्यूल सरचार्ज के बहाने उपभोक्ताओं से वसूले जाते है। आरईआरसी के फ्यूल सरचार्ज की गणना को स्वतंत्र ऑडिटर से वेरिफिकेशन के बाद लागू किया जाता है। फ्यूल सरचार्ज की राशि 2012-2013 से वसूली जा रही है। बिजली खरीद की परिवर्तित वास्तविक राशि व आयोग से निर्धारित रेट का अन्तर फ्यूल सरचार्ज के रूप में त्रैमासिक आधार पर वसूली का प्रावधान है।

Join Whatsapp 26