
अब नहीं बनेंगे लाइसेंस व आरसी के स्मार्ट कार्ड, जल्द ही नई व्यवस्था शुरु







बीकानेर। आवेदक को ड्राइविंग लाइसेंस व आरसी के लिए आरटीओ के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अब वाहन मालिक ई-आधार कार्ड की भांति लाइसेंस व आरसी डाउनलोड कर सकेंगे। ये दस्तावेज बनाने के लिए आरटीओ में वाहन मालिक से 200 रुपए कम लिए जाएंगे। लाइसेंस व आरसी में बदलाव के लिए परिवहन विभाग ने प्रक्रिया पूरी कर ली है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र एनआईसी ने सॉफ्टवेयर में भी आवश्यक बदलाव किए है। परिवहन विभाग की नई व्यवस्था से वाहन मालिकों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्हें हर वक्त ये दस्तावेज साथ लेकर नहीं घूमना पड़ेगा।
जल्द ही ई-लाइसेंस और ई-आरसी की सुविधा शुरू होगी। उसके बाद दुपहिया और चार पहिया वाहन चालकों को लाइसेंस व आरसी की हार्डकॉपी हर समय साथ नहीं रखनी पड़ेगी। वर्तमान में परिवहन विभाग लाइसेंस व आरसी बनाने का काम करता है। विभाग की ओर से आरसी के आवेदक से दो सौ रुपए शुल्क भी वसूला जाता है, जो जल्द ही खत्म हो जाएगा। प्रदेश में रोज 15 हजार से अधिक लाइंसेस व आरसी जारी होते है, जबकि बीकानेर में रोज करीब छह सौ लाइसेंस व आरसी प्रिंट किए जाते हैं। इसके लिए परिवहन विभाग ने एक प्राइवेट कंपनी को ठेका दे रखा है।
क्यूआर कोड स्कैन कर देख सकेंगे वाहन की डिटेल
नई व्यवस्था लागू होने के बाद लाइसेंस व आरसी में चिप के बजाय क्यूआर कोड लगाया जाएगा। ट्रैफिक पुलिसकर्मी क्यूआर कोड को फोन से स्कैन कर एम परिवहन एप पर लाइसेंस व आरसी की डिटेल देख सकेंगे। क्यूआर कोड वाले लाइसेंस की हार्डकॉपी रखना जरूरी नहीं होगा। सॉफ्टकॉपी को भी स्कैन किया जा सकेगा। उधर डीटीओ भारती नैथानी ने बताया कि ई-लाइसेंस व ई आरसी बनाने को लेकर विभाग ने प्रोसेस शुरू कर दिया है। जैसे ही सॉफ्टवेयर में स्मार्ट कार्ड के बदले ली जाने वाली दो सौ रुपए की फीस कटनी बंद हो जाएगी। नई व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा। ये दोनों दस्तावेज बनने के बाद वाहन मालिक इन्हें मोबाइल में डाउनलोड कर रख सकता है। उम्मीद जताई जा रही है कि जून तक यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी।


