
कोटगेट आरयूबी और सांखला फाटक अंडरपास के लिए कहां-कितनी भूमि लेनी है यही तय नहीं






बीकानेर। कोटगेट आरयूबी और सांखला फाटक अंडरपास के लिए अभी तक यह तय ही नहीं हो पाया है कि कहां-कितनी भूमि ली जानी है। प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए प्रशासन को भूमि अवाप्त करनी है। अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू करने में तो अभी और समय लगेगा। अंडरपास और आरयूबी के लिए डीपीआर और जीएडी यूआईटी ने तैयार करवाई है। यूआईटी सचिव यशपाल आहूजा कहते हैं कि जमीन अवाप्ति के बारे में उनके पास पुख्ता जानकारी नहीं है।
यह अभी फाइनल होना है। पिछले दिनों संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन ने चूरू में कार्यरत तहसीलदार कालूराम को भूमि अवाप्ति के लिए बीकानेर लगाया था। लेकिन, वित्त विभाग की ओर से अंडरपास-आरयूबी की राशि स्वीकृत नहीं की गई है और ना ही अभी तक सरकार ने निर्माण एजेंसी घोषित की है। ऐसे में भूमि अवाप्त कौन करेगा, यह भी तय नहीं है। शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को बुलाकर अंडरपास और आरयूबी के बारे में जानकारी ली। अधिकारियों ने उन्हें भूमि अवाप्ति के लिए जरूरी आवश्यकताओं और वस्तुस्थिति के बारे में बताया है।
सर्विस लेन के लिए फड़बाजार की तरफ पटरियों के दोनों ओर, जबकि दूसरी ओर प्याऊ व उसके पास की कुछ जमीन की जरूरत पड़ेगी। सांखला फाटक अंडरपास के लिए बिन्नाणी बिल्डिंग से आगे तीन मंजिला भवन और उसके पास टायर की दुकान अवाप्त करनी होगी। रेल लाइन की दूसरी ओर मटका गली में गोल बिल्डिंग के पास से काली माई की दुकान तक जमीन अवाप्त करनी पड़ेगी। पूर्व में भाजपा सरकार ने भी केईएम रोड पर एलिवेटेड रोड बनाने की पूरी तैयारी कर ली थी। लेकिन, सरकार के अंतिम वर्ष में विरोधी हाईकोर्ट पहुंच गए और उसके बाद आचार संहिता लगने से मामला अटक गया। बाद में सरकार बदल गई। अब वर्तमान कांग्रेस सरकार का भी पांचवा साल है। सितंबर में आचार संहिता लगने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में अंडरपास और आरयूबी का काम जल्दी ही शुरू नहीं किया गया तो एलिवेटेड रोड की तरह लटक सकता है।


