परिवहन कार्यालय ने सूचना के अधिकार को बनाया मजाक

परिवहन कार्यालय ने सूचना के अधिकार को बनाया मजाक

प्रथम अपील अधिकारी का सुनवाई कर्ताओ के साथ दुर्व्यवहार
बीकानेर। सूचना का अधिकार अधिनियम आमजन की सुविधाओं के लिये लागू किया हैं। लेकिन परिवहन विभाग के लोक सूचना अधिकारी और प्रथम अपील अधिकारी ने इस अति आवश्यक अधिकार को मजाक बना लिया हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता हरीराम जालप,वरिष्ठ नागरिक नाथूराम सुथार,गौरीशंकर,आदि ने सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निजी स्कूलों की मान्यता सम्बन्धी कागजातों की जानकारी लेने हेतु जिला परिवहन कार्यालय में आवेदन किया था जिसकी सूचना तीस दिवस पूरे होने के बाद भी लोक सूचना अधिकारी द्वारा नही दी गई थी।जिसका प्रथम अपील आवेदन किया गया था।जिसकी सुनवाई की आज सुबह 11 बजे तय थी।लेकिन प्रथम अपील अधिकारी एवं प्रादेशिक अधिकारी दोपहर तक नही आये और जब आये तो मीटिंग के नाम पर अपराह्न 4बजे तक कक्ष के दरवाजे बंद कर बैठे रहे।जब निजी सहायक के माफऱ्त उन्हें प्रथम अपील सुनने के लिये अवगत करवाया तो आनन-फानन में सुनवाई करते हुए अपीलार्थियों से एक पक्षीय सुनवाई करते हुए दुर्व्यवहार करने लगे। जिसका हम अपीलार्थियों ने विरोध किया। इस संदर्भ में बीकानेर सिटीजन एशोसिएशन के एडवोकेट शर्मा ने प्रमुख शासन सचिव को पत्र लिखकर उक्त प्रथम अपील अधिकारी ज्ञानदेव विश्वकर्मा पर कार्यवाही करने व्यवहार सुधारने के लिए एवं सूचना अधिकार अधिनियम की अक्षरत:पालन करवाने के लिए लिखा।

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