
किसान सम्मेलन में उमड़े लोग, गदगद हुई सरकार, तीन बड़ी घोषणाएं, मंत्री व पायलट की अनुपस्थिती रही चर्चा में






खुलासा न्यूज, बीकानेर। बीकानेर के नोखा विधानसभा क्षेत्र के जसरासर गांव में बुधवार को किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया। पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने इस किसान सम्मेलन के बहाने शक्ति प्रदर्शन किया। इसी कार्यक्रम में दोपहर करीब तीन बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पहुंचे थे। सम्मेलन के बाद गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए वसुंधरा राजे के दूध और नींबू में अंतर वाले बयान पर पलटवार किया। गहलोत ने कहा- बीजेपी ने आते ही रिफाइनरी सहित हमारी योजनाओं को बंद कर दिया। नींबू और दूध में यही फर्क है। वसुंधरा राजे के समय की योजनाओं को हमने बंद नहीं किया। हमने तो उनकी ईआरसीपी सहित सारी योजनाओं को चालू रखा है। वसुंधरा राजे ने बीकानेर संभाग के सूरतगढ़ में ही बोला था कि नींबू और दूध मिल नहीं सकते तो आप दोनों में फर्क देख सकते हैं। इससे पहले सम्मेलन में अशोक गहलोत ने कहा- मैंने सभी विधायक और मंत्रियों से कहा है कि तुम मांगते-मांगते थक जाओगे, मैं देते-देते नहीं थकूंगा। मुझे पता नहीं था कि ये विधायक जिले मांग लेंगे। तब भी मुझे इनके वादे पूरे करने पड़े। 19 जिले राजस्थान की जनता को दे दिए, क्योंकि मैंने कहा था देते हुए थकूंगा नहीं।सीएम अशोक गहलोत ने कहा- आरएसएस और बीजेपी की मंशा बहुत खतरनाक है। देश समय पर नहीं समझा तो आने वाली पीढिय़ां भुगतेंगी। यहां रूस, चीन की तरह चुनाव होंगे, लेकिन नकली चुनाव होंगे। एक पार्टी होगी। वो ही आपस में चुनाव लड़कर नाटक करेगी। सत्ता में बार-बार आएगी। आज हम सांसद और विधायक बनने गरीब के घर में जाते हैं। किसान के घर जाते हैं। बुजुर्ग लोगों के पैरों के हाथ लगाते हैं। यह सब खत्म हो जाएंगे। आम आदमी का सम्मान लोकतंत्र की वजह से है।
महंगाई राहत कैंप का दौरा किया
इससे पहले सीएम ने यहां महंगाई राहत कैंप का भी दौरा किया। राहत कैंप में सीएम ने फुसी देवी नाम की एक महिला से सरकारी योजनाओं को लेकर बात की। महिला ने मुख्यमंत्री से कहा- आप जो दे रहे हैं, वो जोरदार है। आप तो गांवों में महिलाओं के सिर से ये घूंघट हटवाओ। इस पर गहलोत ने समर्थन किया। कहा- ये बंधन है, इससे मुक्ति मिलनी चाहिए।
तीन बड़ी घोषणाएं की
सम्मेलन में रामेश्वर डूडी की मांगों पर सीएम गहलोत ने तीन बड़ी घोषणाएं कर क्षेत्र को बड़ी सौगात दी। जिसमें जसरासर में कॉलेज, घोण मंडी व जसरासर उप तहसील को पूर्ण बनाने की घोषणा की। साथ ही डूडी के द्वारा इन तीन मांगों के अलावा कुछ और मांगे भी सरकार के समक्ष रखी, जिस पर गहलोत ने कहा कि वे अन्य मांगों पर विचार विमर्श कर पूरा करने का काम करेंगे।
मंत्री मेघवाल का नहीं आना रहा चर्चा का विषय
इस सम्मेलन में चर्चा का विषय रहा आपदा प्रबंधन मंत्री व खाजूवाला विधायक गोविंदराम मेघवाल का कार्यक्रम में नहीं आना। दरअसल, रामेश्वर डूडी व गोविंद मेघवाल के बीच चल रही खींचतान वैसे तो जगजाहिर है लेकिन यह खींचतान इस लेवल तक कि है यह शायद ही किसी को मालूम नहीं था। इतने बड़े कार्यक्रम में मंत्री का शामिल नहीं होना दोनों के बीच गहरी खींचतान को दर्शाता है। दरअसल, विवाद रामेश्वर डूडी के उस बयान को लेकर हुआ है। इसमें उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में उन्होंने ही भाजपा नेता डॉ. विश्वनाथ को टिकट देने की सिफारिश की थी। यह बयान डूडी ने बीते दिनों नोखा में शहीद कालूराम मेघवाल के मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में दिया। मेघवाल समाज के नेता इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। इस दौरान डूडी ने कहा था कि एक चुनाव में डॉ. विश्वनाथ मेघवाल का टिकट कट सकता था। उन्होंने ही भाजपा नेता ओंकार सिंह लखावत से कहा था कि अगर डॉ. विश्वनाथ का टिकट काटा गया तो खाजूवाला से भाजपा को कुछ नहीं मिलने वाला है। इसके बाद डूडी ने डॉ. विश्वनाथ की मंच से जमकर तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि डॉ. विश्वनाथ अच्छे इंसान है। इस तारीफ से नाराज खाजूवाला विधायक गोविंदराम मेघवाल ने आलाकमान तक को शिकायत कर दी। यही कारण है कि गोविंदराम बुधवार को जसरासर में आयोजित किसान सम्मेलन में नहीं पहुंचे, क्योंकि यह कार्यक्रम रामेश्वर डूडी द्वारा आयोजित किया गया था।
बड़ी सभा का दावा
डूडी समर्थकों का दावा है कि जसरासर में अब तक की सबसे बड़ी भीड़ पहुंची है। यहां सिर्फ नोखा या बीकानेर नहीं बल्कि प्रदेशभर से किसानों को आमंत्रित किया गया। आने-जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था की गई। करीब 900 फीट में टेंट लगाया गया। गर्मी से बचने के लिए पंखों व कूलर तक की व्यवस्था की गई। वीआईपी मेहमानों के लिए एसी तक लगाए गए हैं। इतने लोग पहुंचे कि बैठने के लिए पंडाल छोटा पड़ गया। कुछ लोग पंडाल से बाहर खड़े नजर आए।
सीएम के साथ ये नेता भी हुए शामिल
गहलोत सीकर में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद हेलिकॉप्टर से जसरासर पहुंचे। महंगाई राहत कैंप में भी लोगों से मिले। उनके साथ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा और प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द डोटासरा भी रहे। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र सिंह हुड्डा भी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। गहलोत सम्मेलन में करीब 2 घंटे रहे। वो शाम करीब पांच बजे यहां से निकल गए थे। उसके बाद सीएम गहलोत बीकनेर सर्किट हाउस पहुंचे, जहां उन्होंने अंबेडकर भवन में राहत शिविर कैंप का अवलोकन किया। सर्किल हाउस में गहलोत कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे। रात्रि विश्राम भी बीकानेर में करेंगे।
पायलट को नहीं बुलाया गया
किसान सम्मेलन में राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को बुलाया ही नहीं गया है। नेता प्रतिपक्ष रहते हुए डूडी की तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के साथ खूब जमी थी। पिछले विधानसभा चुनाव में भी दोनों ने साथ में प्रचार किया था। डूडी की मुख्यमंत्री गहलोत से नाराजगी भी जगजाहिर रही है। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव के दौरान तो दोनों खुलकर आमने-सामने आए थे, लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं। इस सभा में शिक्षा मंत्री डॉ. बुलाकी दास कल्ला, ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, खेल मंत्री अशोक चांदना आदि शामिल हुए।


