भाइयों के सामने युवक के हुए टुकड़े-टुकड़े, नींद की झपकी आने से थ्रेसर में आया

भाइयों के सामने युवक के हुए टुकड़े-टुकड़े, नींद की झपकी आने से थ्रेसर में आया

खुलासा न्यूज। गेहूं की फसल निकालते समय युवक थ्रेसर में चला गया और कुछ ही देर में उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो गए। युवक के सिर से लेकर घुटनों तक का हिस्सा मशीन में पिस गया और आंतें थ्रेसर के रोलर से लिपट गईं। मशीन से गेहूं की जगह खून और मांस के टुकड़े निकलने लगे। घटना सोमवार देर रात 3 बजे चूरू जिले के सरदारशहर के मीतासर गांव में हुई। दरअसल, मृतक के भाई कालूराम ज्याणी ने बताया कि चाचा कान्हाराम ने उनके खेत में गेहूं निकलवाए थे। इसके बाद शीशराम (22) और सभी भाई चाचा के खेत में गेहूं निकलवाने गए थे। इस दौरान शीशराम ने चाचा को कहा कि मैं थ्रेसर में जल्दी-जल्दी पुली दे दूंगा, इसलिए मैं थ्रेसर के गाले पर खड़ा हो जाता हूं। देर रात करीब 3 बजे वह चाचा के खेत में गेहूं निकाल रहे थे। शीशराम थ्रेसर में गेहूं की पुलियां डाल रहा था। इस दौरान थ्रेसर में पुली देते समय उसको झपकी आ गई और हाथ अंदर फंस गया। इसके बाद देखते ही देखते उसका शरीर अंदर चला गया। थ्रेसर से आवाज आने पर वह पीछे गया तो शीशराम का शरीर थ्रेसर में जा रहा था। कालूराम ने बताया कि परिवार के लोग उसको बचाने की कोशिश करते और थ्रेसर बंद करते उसके पहले ही मशीन ने शीशराम को अंदर खींच लिया। थ्रेसर के रोलर से शीशराम के सिर से लेकर घुटनों तक के शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो गए। सिर, दोनों हाथ, धड़ और घुटनों तक का हिस्सा लोहे के रोलर में पिस गए और उसकी आंतें रोलर से लिपट गईं। कालूराम ने बताया कि हादसे के दौरान उसके चाचा कान्हाराम, भाई ओमप्रकाश, रामेश्वर और परिवार के अन्य लोग मौजूद थे। थ्रेसर उसके ताऊ मनसा ज्याणी की थी। सुबह 6 बजे सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को थ्रेसर से बाहर निकाला। पोस्टमॉर्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। बताया गया कि शिशराम ज्याणी की अभी शादी नहीं हुई थी। वह चार भाइयों में सबसे छोटा था। उसके पिता की 20 साल पहले मौत हो चुकी है।

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