सचिन पायलट पर कार्यवाही से पहले अशोक गहलोत की बगावत का मुद्दा उठा

सचिन पायलट पर कार्यवाही से पहले अशोक गहलोत की बगावत का मुद्दा उठा

जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के 11 अप्रैल के अनशन को लेकर 14 अप्रैल को भी दिल्ली में कांग्रेस में हलचल तेज रही। बदली हुई परिस्थितियों में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को दरकिनार कर एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को सक्रिय किया गया है ताकि राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तालमेल बैठाया जा सके। कमलनाथ भी नहीं चाहते हैं कि पायलट पर कोई कार्यवाही हो। पायलट की अब तक कमलनाथ के साथ साथ संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात हो चुकी है। राजस्थान में सीएम गहलोत के साथ हेलीकॉप्टर घूमने और सत्ता का भरपूर मजा लेने वाले पंजाब के विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा ने 12 अप्रैल को ही कह दिया कि पायलट ने अनशन कर अनुशासनहीनता की है, इसलिए कार्यवाही होगी। रंधावा ने यह बात राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े सेस मुलाकात के बाद कही, लेकिन 13 अप्रैल को रंधावा की मुलाकात जब राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल से हुई तो रंधावा के पायलट विरोधी तेवर ठंडे पड़ गए। पायलट पर कार्यवाही करने से पहले 24 सितंबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा की गई बगावत का मुद्दा उठा। पायलट समर्थक नेताओं का कहना रहा कि गहलोत ने तो विधायकों की समानांतर बैठक कर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को खुली चुनौती दी। इतना ही नहीं गहलात स्वयं को ही मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए 80-90 विधायकों के इस्तीफे भी दिलवा दिए। इस खुली बगावत पर न तो गहलोत और न उनके किसी समर्थक पर कार्यवाही हुई। जिन तीन मंत्रियों को नोटिस दिया गया, वे आज भी सत्ता की मलाई खा रहे हैं। जब खुली बगावत और राष्ट्रीय नेतृत्व को चुनौती देने वालों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई तो पायलट पर कार्यवाही क्यों की जाए? 11 अप्रैल को पायलट ने तो पार्टी विरोधी कोई कार्य भी नहीं किया। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर ही पायलट ने जयपुर में एक दिवसीय अनशन किया था। इसमें अनुशासनहीनता की कोई बात नहीं थी। गहलोत की बगावत का मुद्दा उठने के बाद ही रंधावा को भी संयम बरतने के निर्देश दिए गए हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार रंधावा की भूमिका का राजस्थान में निष्पक्ष नहीं मनाया गया, इसलिए अब एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी विधानसभा चुनाव में पायलट की भूमिका को महत्वपूर्ण मानते हैं। सूत्रों के अनुसार सीएम गहलोत के जिद्दी रवैए से गांधी परिवार भी खुश नहीं है। गांधी परिवार की सहानुभूति पायलट के साथ ही मानी जा रही है।

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