
पायलट अनशन में समर्थक मंत्री-विधायकों को नहीं रखेंगे, गहलोत समर्थक बोले- कांग्रेस का नुकसान कर रहे






जयपुर। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट मंगलवार को अपने समर्थक कार्यकर्ताओं के साथ जयपुर के शहीद स्मारक पर दिनभर अनशन करेंगे। पायलट ने वसुंधरा राजे के सीएम रहते हुए घोटालों पर कार्रवाई नहीं होने को मुद्दा बनाकर अनशन की घोषणा की है। पायलट अपने अनशन में समर्थक मंत्रियों और विधायकों को साथ नहीं रखेंगे। मंत्री और विधायकों को साथ रखने की जगह आम समर्थकों को साथ रखेंगे।
पायलट के अनशन में शामिल होने के लिए प्रदेशभर से उनके समर्थक जयपुर पहुंचेंगे। पायलट समर्थक नेताओं और विधायकों ने कल ही समर्थकों को जयपुर पहुंचने का मैसेज दे दिया था।
मंत्री-विधायकों को दूर रखने के पीछे रणनीति
सचिन पायलट ने समर्थक मंत्री और विधायकों को रणनीति के तहत अनशन से दूर रखने का फैसला किया है। समर्थक विधायकों के अनशन पर बैठने से उनकी गिनती होती। इसमें दो तरह के नुकसान थे। इससे गहलोत और पायलट के समर्थक विधायकों की तुलना होती। संख्या बल किसके पास ज्यादा है, यह बात उठती। दूसरा, इसे बगावत से जोडकऱ देखा जाता। इस वजह से पायलट ने आम समर्थकों के साथ अनशन करने की रणनीति अपनाई है।
रविवार को सचिन पायलट ने अपने आवास पर मीडिया के सामने गहलोत के वादों का वीडियो दिखाया। इसके बाद से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
प्रभारी रंधावा कल जयपुर पहुंचकर पायलट प्रकरण में फीडबैक लेंगे
सचिन पायलट के अनशन की घोषणा के बाद से कांगेस की अंदरूनी सियासत फिर गर्मा गई है। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा पायलट मामले में डैमेज कंट्रोल के लिए मंगलवार दोपहर जयपुर पहुंच रहे हैं। रंधावा सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से बैठक करके इस मामले में डैमेज कंट्रोल की कोशिश करेंगे।


