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प्री-प्राइमरी में एडमिशन वाले बच्चों को परेशानी अब तक कोई आदेश जारी नहीं

जयपुर। जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने निर्देश दिया है कि आरटीई के तहत एडमिशन के मामले में शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए निजी स्कूलों पर राज्य सरकार को दंडात्मक कार्रवाई न करें। साथ ही कहा है कि यदि प्रार्थियों को शैक्षणिक सत्र 2023-24 की पॉलिसी से कोई परेशानी हो तो वे नए सिरे से याचिका दायर कर सकते हैं।
हाईकोर्ट ने यह निर्देश मैनेजिंग कमेटी कैम्ब्रिज हाईस्कूल व अन्य की याचिकाओं को सारहीन मानकर निस्तारित करते हुए दिया। सुनवाई के दौरान प्राइवेट स्कूलों की ओर से अधिवक्ता अनुरूप सिंघी ने कहा कि सत्र खत्म होने वाला है। जबकि सरकार ने एडमिशन का नोटिफिकेशन 1 फरवरी 2023 को जारी किया। ऐसे में प्रार्थी स्कूल अब सत्र 2022-23 के अंतिम स्तर पर एडमिशन नहीं दे सकते।
मुख्यमंत्री कई बार घोषणा कर चुके हैं- 8वीं तक आरटीई में पढ़ाई करने वाले बच्चों की पढ़ाई 12वीं तक नि:शुल्क होगी। फरवरी में इसकी बजट घोषणा भी हुई। लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा अब तक कोई आदेश जारी न किए जाने से बच्चों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे अभिभावक और निजी स्कूलों के बीच विवाद की स्थिति बन गई है।
दूसरी तरफ, पिछले सत्र 2022-23 में प्री-प्राइमरी में प्रवेश लेने वाले बच्चों के सामने अजीब स्थिति बन गई है। उन्हें न तो निजी स्कूल वाले प्रवेश दे रहे हैं और न ही वे नए सत्र 2023-24 के लिए आवेदन कर पा रहे हैं। इसे लेकर बुधवार को शिक्षा संकुल में अभिभावकों ने हंगामा किया।
अभिभावक ने 2023-24 के लिए आवेदन करने की छूट देने की मांग उठाई। अभिभावकों का कहना है कि इस साल की गाइडलाइन में साफ लिखा है, जिनका पहले प्रवेश हो चुका, वे आवेदन नहीं कर सकते। वे पिछले सत्र के आधार पर बच्चों को प्रवेश दिलाना नहीं चाहते, वे या तो प्रवेश निरस्त करने या वर्तमान प्रक्रिया में छूट चाहते हैं।
स्कूल फीस तय राशि 15 हजार से अधिक होगी, तो शेष अभिभावक को वहन करनी पड़ेगीइस साल फरवरी में 2022-23 के प्री प्राइमरी के बच्चों के प्रवेश में बच्चे का नंबर आया था। स्कूल वाले प्रवेश नहीं दे रहे हैं। हम क्या करें।
2022-23 के सत्र का प्रवेश निरस्त कराना चाहते हैं। इसके लिए क्या करें।वर्तमान में 2023-24 के लिए आरटीई आवेदन की प्रक्रिया में आवेदन करना चाहते हैं। हमें भी छूट दी जाए।
8वीं तक आरटीई में पढऩे के बाद बच्चा इस साल 9वीं में आया है। बजट घोषणा के अनुसार यह कब से नि:शुल्क रहेगा।

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