
महापौर की बड़ी उपलब्धि बढ़ेगी महापौर की मुश्किलें, पहला नोटिस 2020 में जारी हुआ निगम के इतिहास में पहली बार किसी महापौर को एक कार्यकाल में दो बार मिला नोटिस






बीकानेर. बीकानेर नगर निगम के इतिहास में किसी महापौर को अपने एक कार्यकाल में दूसरी बार धारा 39 के तहत नोटिस जारी कर सात दिवस में स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट सचिव ह्देश कुमार ने निगम महापौर सुशीला कंवर को धारा 39 राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 के तहत नोटिस जारी कर कई आरोपों के अन्तर्गत प्रथम दृष्टया दोषी माना है। महापौर क ो अपने कार्यकाल में डीएलबी से यह दूसरी बार धारा 39 के तहत नोटिस जारी किया गया है। डीएलबी की ओर से वर्ष 2020 में पहली बार महापौर को धारा 39 के तहत नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था। 28 मई 2020 को डीएलबी के तत्कालीन निदेशक उज्ज्वल राठौड़ ने महापौर को प्राप्त शिकायत एवं आयुक्त नगर निगम बीकानेर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार अनियमितताएं पाए जाने पर धारा 39 (1) (घ) के प्रावधानों के तहत दुराचरण की श्रेणी मानते हुए आरोप लगाया था व नोटिस जारी करस्पष्टीकरण मांगा था। डीएलबी की ओर से जारी किया गया नोटिस आयुक्त नगर निगम के मार्फत महापौर केा भेजा गया है आयुक्त गोपालराम बिरदा ने बताया कि महापौर को धारा 39 के तहत जारी हुए नोटिस प्राप्त हुआ है।यह लगाए आरोप डीएलबी निदेशक की ओर से जारी -धारा 39 के अन्तर्गत नोटिस में महापौर सुशीला कंवर पर आरोप लगाया है कि महापौर ने 17 दिसंबर 2023 को अवकाश के दिन अपनी पीए अनन्त पारीक, पति विक्रम सिंह राजपुरोहित व अन्य ने मिलकर सचिव नगर निगम हंसा मीणा के कक्ष को खोलकर कमरे में रखी टेबल की दराज के ताले तोडक़र सरकारी पत्रावलियां एवं उनका व्यक्तिगत सामान चोरी किया व सरकारी सामान की तोडफ़ोड़ की। दूसरा आरोप लगाया है कि सचिव हंसा मीणा ने 17 दिसंबर को शिकायत दर्ज कराई थी कि महापौर ने मीणा को आयुक्त की ओर से आवंटित कक्ष में नहीं बैठने दिया और ना ही कार्य करने दिया। पार्षदों को एकत्रित कर सचिव के विरुद्ध नारेबाजी की, अनावश्यक दबाव में लाने का प्रयास किया, धक्का मुक्की की और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। निदेशक ने नोटिस जारी कर आरोपोंके संबंध में महापौर से सात दिवस में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के लिए कहा है।


