पायलट बोले- जनता जवाब देगी मेरी रगड़ाई हुई कि नहीं,कहा- जादूगर तो नीली छतरी वाला, बाकी तो हाथ की सफाई है

पायलट बोले- जनता जवाब देगी मेरी रगड़ाई हुई कि नहीं,कहा- जादूगर तो नीली छतरी वाला, बाकी तो हाथ की सफाई है

यपुर/नई दिल्ली। कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी सियासी कोल्ड वॉर फिर तेज होने के आसार बन गए हैं। सचिन पायलट ने एक बार फिर 25 सितंबर को गहलोत खेमे के विधायकों के इस्तीफे देने और विधायक दल की बैठक के बहिष्कार करने के जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर सवाल उठाए हैं।
दिल्ली में टीवी चैनल के कार्यक्रम के दौरान पायलट ने राजस्थान कांग्रेस की अंदरूनी उठापटक को लेकर सीएम अशोक गहलोत पर नाम लिए बिना खूब वार किए।
पायलट ने गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा- मेरी रगड़ाई हुई कि नहीं यह जनता जवाब देगी। रगड़ाई नहीं हुई होती तो कौन वोट डालता? गहलोत के गद्दार और कोरोना कहने पर पायलट ने कहा- जिस तरह के शब्दों का प्रयोग किया उससे हर किसी को बुरा लगेगा, लेकिन मैंने न जवा
विधायक दल की बैठक क्यों नहीं हो पाई, लीडरशिप सोचे
राजस्थान में खुद के सीएम बनने के सवाल पर पायलट ने कहा- कौन कब किस पद पर बैठेगा यह हम जिस पार्टी में है वह पार्टी का निर्णय है। यह बात सही है कि पिछले साल सोनिया गांधी ने विधायक दल की बैठक करने के लिए पर्यवेक्षक जयपुर भेजे थे।
दुर्भाग्य से बैठक हो नहीं हो पाई। क्या कारण है कि वह बैठक नहीं हुई, वह मैं नहीं जाना चाहता। आज इतने महीनों के बाद वह विधायकों की बैठक नहीं हो पा रही। मुझे लगता है कांग्रेस अध्यक्ष और लीडरशिप को इस बात पर ध्यान देना चाहिए।
किसके दबाव से इस्तीफे दिए थे इसकी जांच हो
​पार्टी से विद्रोह करने के आरापों पर सीएम नहीं बनाने के गहलोत खेमे के तर्क पर पायलट ने कहा- हमने कौनसा विद्रोह किया, हमने कभी क्या पार्टी की आलोचना की? अपने पदों से इस्तीफे दिए? लेकिन जब इतने लोग इस्तीफे दे रहे हैं, स्पीकर साहब हाईकोर्ट में कह रहे हैं कि मैंने इस्तीफे इसलिए स्वीकार नहीं किए क्योंकि वह स्वेच्छा से नहीं दिए गए थे। फिर किसकी इच्छा से दिए गए थे? विधायकों पर किसका क्या दबाव था, क्या प्रलोभन था, यह जांच का विषय है, पार्टी को इस पर जांच करनी चाहिए।
तीन नेताओं के खिलाफ छह महीने से कार्रवाई लंबित क्यों?
पार्टी अनुशासन समिति के पास जाने के दिग्विजय सिंह के सुझाव पर पायलट ने कहा- अनुशासन समिति ने तीन नेताओं को 6 महीने पहले नोटिस दिए थे, अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाया है। जो घटनाक्रम हुआ, पार्टी नेतृत्व को गलत माना था, उनको नोटिस जारी किए और नोटिस के जवाब भी आ गए, लेकिन इतने महीनों बाद उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो यह विचारणीय ​मामला है। राजनीति में कोई व्यक्तिगत अनबन नहीं होना चाहिए, सिद्धांतों की लड़ाई होती है।
मैं पद की राजनीति नहीं करता, पार्टी ने बहुत सारे पद दिए
पार्टी से अब उम्मीद के सवाल पर पायलट ने कहा- मैं पद की राजनीति करता नहीं। पहले मुझे पार्टी ने बहुत सारे पद दिए हैं ,पार्टी का हमेशा शुक्रगुजार रहता हूं कि मुझे मौका दिया। विधायक, सांसद, अध्यक्ष, मंत्री, उप मुख्यमंत्री बनाया, मौका देने में कोई कमी नहीं रही है। मैंने भी 20 साल में पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी, जितना मुझसे हो सका उससे ज्यादा हमने काम किया।

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