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अब मोबाइल की तरह अब बिजली भी प्रीपेड मिलेगी, जितनी यूनिट चाहिए उतना रिचार्ज करें

बीकानेर। मोबाइल की तरह अब बिजली भी प्रीपेड मिलेगी। जितनी यूनिट चाहिए उतना रिचार्ज करें। यूनिट पूरी होते ही बिजली बंद। डिस्कॉम कमर्शियल व घरेलू उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाने की तैयारी शुरू कर दी है।रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत केंद्र सरकार देश भर बिजली वितरण व्यवस्था में बदलाव करने जा रही है। मार्च 2025 तक प्रदेश के सभी जिलों में बिजली मीटर को स्मार्ट प्रीपेडमीटर में बदलने का लक्ष्य रखा गया है। जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी प्रमोद टाक ने बताया कि करीब 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 29 हजार स्मार्टमीटर सरकारी महकमों में लगाए जाएंगे। यह कार्य दो फेज में किया जाएगा।पहले फेज में 13 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। उसके बाद हर कनेक्शन के मीटर की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाएगी। ताकि बिजली चोरी रोकी जा सके। स्मार्ट मीटर में खास बात यह है कि इसेमोबाइल की तरह रिचार्ज करना होगा, जितना रिचार्ज उपलब्ध होगा उतनी ही बिजली मिलेगी। इससे बिजली चोरी रोकने में मदद मिलेगी। उपभोक्ताओं का बिल भी बकाया नहीं होगा। सबसे पहले प्रीपेडमीटर सरकारी महकमों में लगाए जाएंगे। फिर घरेलू व व्यावसायिक कनेक्शनों में प्रीपेड मीटर लगेंगे। एग्रीकल्चर कनेक्शन को इस स्कीम में नहीं शामिल किया गया है। राजस्थान के तीनों डिस्कॉम में स्मार्टप्रीपेड मीटर लगाने की तैयारियां शुरू कर दी गई है। संबंधित फर्म को घरेलू मीटर स्थापित करने के साथ ही 10 साल तक का रखरखाव भी करना होगा।सरकारी, व्यावसायिक व घरेलू उपभोक्ताओं के पुराने मीटर की जगह स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। टेंडर होने के बाद वर्क ऑर्डर जारी किए जाएंगे। ताकि जल्दी से जल्दी काम शुरूहो सके। इससे बिजली चोरी रुकेगी। डिस्कॉम घाटे से उबरेगा। – प्रमोद टाक, एमडी, जोधपुर विद्युत वितरण निगमऐसे होगी निगरानी : मोबाइल टावर के जरिए बिजली कंपनी को मिलेगा सिग्नलस्मार्ट मीटर में एक डिवाइस होती है, जो मोबाइल टावर से बिजली कंपनियों में लगने वाले रिसीवर तक सिग्नल पहुंचाती है। जिससे बिजली कंपनियां दफ्तर से मीटर की रीडिंग और निगरानी कर सकती हैं।ऐसा होने पर डिस्कॉम को मीटर रीडिंग के लिए कर्मचारी भेजने की आवश्यकता नहीं रहेगी। साथ ही रीडिंग लिखने में होने वाली गफलत से भी निजात मिल जाएगी। मीटर के साथ किसी प्रकार की छोड़छाड़

की जानकारी भी डिस्कॉम को हाथों हाथ मिल सकेगी।
3,76,458 ग्रामीण घरेलू व व्यावसायिक उपभोक्ता
4250 ग्रामीण सरकारी कनेक्शन
56568 कृषि कनेक्शन
1,41,609 शहर में उपभोक्ता
2500 शहरी सरकारी कनेक्शन
पेनल्टी व ब्याज के लिए जवाबदेही तय प्री-पेड मीटर स्थापित किए जाने के बाद गत वर्ष के एक माह के औसत बिल/उपयोग जितनी राशि राजकीय उपभोक्ता के प्री-पेड खाते में बैलेंस के रूप में विभागआईएफएलएस की ऑटो प्रोसेसिंग प्रक्रिया के माध्यम से जमा करवाएगा। आवश्यक सूचना डिस्कॉम कीओर से आईएफएलएस को उपलब्ध करवाई जाएगी। स्मार्ट प्री-पेड मीटर में अग्रिम जमा राशि के 20प्रतिशत शेष रहने पर संबंधित के नंबर को पुन: रिचार्ज के लिए ऑटोमेटिक मैसेज ट्रिगर से आईएफएलएस पर भेजा जाएगा।विद्युत उपयोग के प्रति भुगतान वेरिफाई नहीं होने की स्थिति में बैलेंस कम होने/ऋणात्मक होने पर भी विद्युत कनेक्शन नहीं काटा जाएगा। इस संबंध में देय पेनल्टी/ब्याज के लिए संबंधित अधिकारी जवाबदेय होगा। विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से विभागीय डेटा आईएफएलएस से इंटीग्रेशन किया जाएगा। स्मार्ट प्री-पेड मीटर के मासिक उपयोग की रिपोर्ट भी संबंधित कार्यालयों के आईएफएलएस लॉगइनपर उपलब्ध करवाई जाएगी।
स्क्रीन पर दिखेगी खपतमीटर की स्क्रीन पर उपभोक्ता को मौजूदा बिजली, शेष बिल और खपत के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। उपभोक्ता इसमें प्रीपेड भुगतान कर सकेंगे। यानी जितना भुगतान किया जाएगा। उतनी ही बिजलीमिलेगी। मोबाइल कंपनियों की तरह इनमें भी पैकेज होंगे। बिजली लोड बढऩे पर मीटर में अलार्म बजेगा। इससे उपभोक्ता को तुरंत जानकारी मिल जाएगी और खपत कम कर सकेगा।

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