
संविदाकर्मियों को नियमतिकरण को लेकर आई बड़ी खबर एक लाख होंगे बाहर






जयपुर राजस्थान सरकार प्रदेश के संविधाकर्मियों को नियमित करने जा रही है। इसका फायदा महज 10 हजार संविदाकर्मियों को मिलेगा। इसके तहत आईएएस के तर्ज पर 15 वर्ष के अनुभव को पांच वर्ष का अनुभव माना जाएगा। ऐसे में करीब एक लाख संविदाकर्मी नियमतिकरण की प्रकिया से बाहर हो रहे हैं। इसी के साथ विरोध भी शुरू हो गया है। सरकार ने इन्हें राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स -2022 में शामिल कर लिया है।
राजस्थान सरकार प्रदेश के संविधाकर्मियों को नियमित करने जा रही है। इसका फायदा महज 10 हजार संविदाकर्मियों को मिलेगा। इसके तहत आईएएस के तर्ज पर 15 वर्ष के अनुभव को पांच वर्ष का अनुभव माना जाएगा। ऐसे में करीब एक लाख संविदाकर्मी नियमतिकरण की प्रकिया से बाहर हो रहे हैं। इसी के साथ विरोध भी शुरू हो गया है। सरकार ने इन्हें राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स -2022 में शामिल कर लिया है।
पंजाब और उड़ीसा का उदाहरण
पंजाब और उड़ीसा में भी ऐसे नियम बने थे, जिनमें राज्यों के संविदाकर्मियों का वास्तविक अनुभव माना गया और नियमितीकरण भी किया गया। गौरतलब है कि वर्ष 2018 में कांग्रेस ने जनघोषणा पत्र में संविदाकर्मियों, पैराटीचर्स, उर्दू्, आंगनबाड़ी, शिक्षाकर्मियों, विद्यार्थी मित्रों, पंचायत सहायकों सहित अन्य विभागों में कार्यरत कर्मियों की समस्याओं का समाधान कर नियमित करने की घोषणा की थी।
क्या है पैटर्न
सरकार ने बजट 2023-24 में संविदाकर्मियों का पूर्व अनुभव गणना करने के लिए अन्य सेवाओं से आईएएस में आने वाले पैटर्न को लागू करने की घोषणा की है। इसी पैटर्न पर संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिए नियम बनाए जा रहे हैं। नियम के तहत 3 वर्ष का 1 वर्ष यानी 15 वर्ष की सेवा को 5 वर्ष माना जाएगा। सरकार 1/3 नियम से 15 वर्ष पूरे करने वाले कार्मिकों को ही नियमित करेगी। इस नियम से करीब एक लाख संविदाकर्मियों की सेवा 15 वर्ष पूरी नहीं हो रही है।
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किस विभाग में कितने संविदाकर्मी
शिक्षा विभाग : 41,423 (शिक्षाकर्मी, पैराटीचर्स, ग्राम पंचायत, अंग्रेजी माध्यम अध्यापक)
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज : 18326 (राजीविका, मनरेगा के विभिन्न पद)
अल्प संख्यक विभाग : 5697 (मदरसा पैरा टीचर्स)
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग : 44833 ( एनएचएमकर्मी सहित विभिन्न पद)
संगठनों में रोष, मूल अनुभव गणना की मांग
वर्तमान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में कुल 44833 संविदाकर्मी कार्यरत हैं। ऐसे कर्मचारियों की संख्या केवल 850 के आसपास है। इससे कर्मचारियों में रोष है।
कप्तान सिंह मीणा, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान एनआरएचएम मैनेजमेंट केडर
शिक्षा विभाग में करीब 41 हजार संविदाकर्मियों में से लगभग 8 हजार संविदाकर्मी 1/3 पैटर्न से स्थाई होंगे। करीब 33 हजार बाहर होंगे।
रामजीत पटेल,प्रदेश संयोजक, विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ
इस गणना से वर्तमान में 5656 की संख्या में से एक बड़ी संख्या 4800 लगभग नियमित होने से वंचित रहेंगे।
अनवर खान, कौर कमेटी अध्यक्ष, राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ


