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अंग्रेजों पर भड़के RSS प्रमुख मोहन भागवत:बोले- ब्रिटिश शासन से पहले देश के 70% लोग शिक्षित थे, वे हमारा मॉडल अपने देश ले गए

हरियाणा के करनाल में पहुंचे RSS के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि ब्रिटिश शासन से पहले भारत की 70 फीसदी आबादी शिक्षित थी। उस समय देश में कोई बेरोजगारी नहीं थी और उसी शिक्षा के बलबूते पर सब लोग अपनी आजीविका का रास्ता खोज लेते थे।

मोहन भागवत ने कहा कि जब अंग्रेज भारत में आए तो उन्होंने हमारे देश के शिक्षा के मॉडल को कबाड़ खाने में डाल दिया। यानी हमारे शिक्षा मॉडल को वो अपने देश में ले गए। जबकि अपने देश के मॉडल को अंग्रेजों ने भारत में लागू कर दिया।

इससे हुआ ये कि भारत का शिक्षा मॉडल इंग्लैंड में लागू होने के बाद वहां की 70 प्रतिशत आबादी शिक्षित हो गई और उनके शिक्षा मॉडल से हमारे देश में केवल 17 प्रतिशत लोग ही शिक्षित रह गए।

सभी के लिए सस्ती व सुलभ थी हमारी शिक्षा
मोहन भागवत ने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली न केवल रोजगार के लिए थी बल्कि ज्ञान का माध्यम भी थी। शिक्षा सस्ती और सभी के लिए सुलभ थी। इसलिए शिक्षा का सारा खर्च समाज ने उठाया और इस शिक्षा से निकले विद्वानों, कलाकारों और कारीगरों को पूरी दुनिया में पहचान मिली।
मोहन भागवत बोले- ये इतिहास का सत्य है
भागवत ने आगे अपने संबोधन में कहा कि यह इतिहास का सत्य है। हमारे यहां पर शिक्षक सबको सिखाता था, उसमें वर्ग व जाति का भेद नहीं होता। आदमी अपना जीवन अपने बलबूते जी सके यहां तक ही शिक्षा सबको मिलती थी। गांव में जाकर शिक्षक सिखाता था। वह इसलिए नहीं सिखाता था कि उसको अपना पेट पालना था, वो इसलिए सिखाता था कि शिक्षा देना उसका काम है, उसका कर्तव्य है। सिखाना उसका धर्म है और गांव उसकी आजीविका की चिंता करता था। कुछ इस तरह था हमारा पुराना शिक्षा का मॉडल।
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