
गली-गली में चोर मचा रहे शोर, आमजन भयभीत, पुलिस की गश्त पर उठे रहे सवाल






खुलासा न्यूज, बीकानेर। इन दिनों जिले में चोरों का बोलबोला है। जिनको रोकने में पुलिस प्रशासन को पसीना छूट रहा है। इसको हम ऐसे भी बोल सकते हैं कि पुलिस प्रशासन चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह नाकाम हो रहा है। जिसके कारण चोरों के हौसले बुलंद है और इन बुलंद हौसले के चलते चोर आये दिन अपना कारनाम कर पुलिस प्रशासन को ठेंगा दिखा रहे है। जिले में बढ़ती चोरी की वारदातों के चलते आम-आदमी भी चिंतित व भय के माहौल के बीच रहने को मजबूर है। हालात यह हो गए कि मकान को बंद कर पूरा परिवार एक साथ तो कहीं जा भी नहीं सकता। और चला भी गया तो यह गारंटी नहीं है कि आपके मकान के ताले न टूटे। इन चोरों के निशाने पर केवल बंद मकान या प्रतिष्ठान, गोदाम ही नहीं बल्कि वाहन भी है, जिसमें दुपहिया व फॉर व्हीलर दोनों शामिल है। हालांकि दुपहिया वाहन चोरी की वारदातें तो पिछले लंबे समय से लगातार हो रही है, जिनको पुलिस प्रशासन भले ही ज्यादा तवज्जों नहीं देता हो लेकिन आम-आदमी को इससे बड़ा नुकसान हो रहा है। हालांकि इस संबंध में पुलिस ने कई बड़ी कार्रवाईयां भी की है, जिनमें बड़ी संख्या में चोरी की बाइक्स भी बरामद की है और चोरों को भी सलाखों के पीछे डाला है, लेकिन चोरी की वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही। इसके पीछे एक बड़ा कारण यह भी बताया जा रहा है कि चोर के पकड़े जाने के बाद वह कुछ समय बाद जमानत पर बाहर आ जाता है और बाहर आने के बाद वापस उसी काम में लग जाता है। धीरे-धीरे ऐसे लोगों के हाथ बढ़ते जाते हैं और बड़ी घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर देते है।
चोरी की बढ़ती वारदातों के पीछे एक कारण पुलिस की लच्चर व्यवस्था भी हैं क्योंकि एक समय था जब पुलिस प्रशासन की पूरी रात गलियों में गश्त रहती थी। जिसमें बकायदा पुलिसकर्मी पैदल चलकर सिटी बजाकर चोरों को आगाह करते रहते थे कि पुलिस जाग रही है, अगर किसी ने चोरी करने को लेकर हिम्मत भी कर ली तो छोड़ा नहीं जाएगा। लेकिन अब ऐसा नजर नहीं आता। गश्त केवल औपचारिक बन रह गई है, जिसका फायदा चोर बखूबी उठा रहे है। पुलिस की इस ढिलाई के कारण अब चोर गली-गली में शोर मचा रहे है और पुलिस की सिटी गुल है। हालांकि बढ़ती चोरी की वारदातों को भांपते हुए कुछ कॉलोनियों में लोगों ने प्राइवेट गार्ड तैनात कर दिए हैं, जिनको तनख्वा कॉलोनी के लोग मिलकर दे रहे है। चोरी की वारदातों को रोकने के लिए आमजन का यह प्रयास भले ही ठीक होगा, लेकिन पुलिस के स्लोगन ‘अपराधियों में भय, आमजन में विश्वास’ पर सवाल खड़े कर रहा है, क्योंकि यह काम पुलिस प्रशासन का है कि आमजन को भयमुक्त माहौल दिया जाए।
खैर, कहने को ऐसी हजारों बातें हैं, लेकिन फिलहाल शहर में बढ़ती चोरी की वारदातों से आमजन परेशान व भयभीत है, जो पुलिस की गश्त पर सवाल खड़े कर रहे हैं।


