निगम महापौर का दावा पिछले तीन सालों में बहुत अच्छा काम हुआ आपका क्या कहना है क्या आप बीकानेर के विकास से संतुष्ट है

निगम महापौर का दावा पिछले तीन सालों में बहुत अच्छा काम हुआ आपका क्या कहना है क्या आप बीकानेर के विकास से संतुष्ट है

खुलासा न्यूज, बीकानेर। शहर की अगर बात की जाए तो सबसे बुरे हालात बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र की सड़कों के है और इसी क्षेत्र से महापौर सुशीला कंवर विधानसभा चुनाव की दावेदारी करती नजर आ रही हैं। जबकि महापौर अपने क्षेत्र में विकास कार्य करवाने में सबसे पीछे रही हैं। महापौर सुशीला कंवर के विकास कार्यों की अगर बात की जाए तो आज तक ऐसी कोई उपलब्धि नहीं है जिसको बीकानेर की जनता याद रखें, लेकिन बीकानेर की जनता महापौर के चार साल के कार्यकाल निकला है उसे जरूर याद रखेगी क्योंकि बीकानेर की जनता ने जो पिछले दो सालों से टूटी-फूटी सड़कों का सामना कर रही है। गड्ढों से भरे शहर को देख ऐसा कहीं नजर नहीं आ रहा है यह स्मार्ट सिटी है। पूरे शहर के विकास की बात तो दूर खुद निगम कार्यालय के आगे जो सडक़ बनी है उसके हालात भी किसी छिपे हुए नहीं हैं। पिछले 25 दिन से ज्यादा नगर निगम के आगे से गुजर रही रोड पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त पड़ी है, हालांकि यहां पर सडक़ निर्माण का कार्य चल रहा है परंतु काम की रफ्तार जो है कच्छुआ चाल है। जिसके कारण बीकानेर की जनता का अपने घर से निकल पाना भी मुश्किल हो गया है। चार पहिया वाहनों की अगर बात की जाए तो वाहन लेकर निकलने से पहले हजार बार सोचना पड़ता है कि आखिर कौनसा रास्ता चलने में सेफ है। लेकिन ऐसा कोई रास्ता नहीं है जिन पर मौत वाले गड्ढे नहीं है। ऐसे में आम नागरिकों की अब यह धारणा बन गई है बीकानेर में कार चलाने से अच्छा है दुपहिया वाहन से सवारी कर लें। हालांकि महापौर की ओर से बीकानेर को स्मार्ट सिटी बनाने के बड़े-बड़े दावे किये जा रहे हो, लेकिन यह महज केवल दावा ही है, हकीकत शहर की जनता अच्छे से जानती है।

पिछले बजट भी घोषणाएं भी पूरी नहीं हुई

शहर के महापौर साहिबा ने सोमवार को सदन में आगामी वर्ष के लिए 419 करोड़ 52 लाख का बजट पारित कर कई ऐसी घोषणाएं की है जो सायद ही कभी धरातल पर पूरी होगी, क्योंकि अभी पिछले बजट की घोषणाएं भी अधर झूल में अटकी हुई पड़ी है। ऐसे में इस बार भी इन बड़ी-बड़ी घोषणाओं से बीकानेर की जनता के साथ धोखा होता नजर आ रहा है। सबसे बड़ी बात है कि निगम के पास आय का साधन कुछ नहीं है, आय के नाम पर जीरो है, ऐसे में घोषणाओं पूरी होगी यह सोचना बेमानी होगी। महापौर ने निगम के आय को बढाने को लेकर गंभीर नहीं है ऐसे में जब आय नहीं होगी तो शहर का विकास कैसे संभव होगा। इस बजट में भी ऐसा ही लग रहा है बासी कढ़ी में फीका उबाल है। महापौर ने पहले भी घोषाणा की थी सबसे व्यवस्तम बाजार केईएम रोड पर महिलाओं के लिए सुभल शोचालय का निर्माण करवाया जायेगा लेकिन आज तक नहीं हुआ जबकि महापौर स्वयं एक महिला है उनको कम से कम इस पर काम करना चाहिए था लेकिन आज तक इस कोई काम नहीं हुआ है। अगर देखा जाये तो शहर में पिछले साल बारिश के सीजन में हुई बारिश से जिस तरह से शहर का हाल-बेहाल हुआ जिसको देखकर हर कोई शर्मसार था। पूरा शहर पानी से भर गया, निचले इलाके पानी से लबालब हो गये थे। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया था। लेकिन महापौर ने उस वक्त भी कोई ऐसी व्यवस्था नहीं कि जिससे उनको राहत मिल सके। और उस हालात पर अभी कोई काम नहीं हो रहा। ऐसे में यह तय है कि बारिश के सीजन में बीकानेर की जनता फिर उन्हीं हालातों से सामना करेगी।

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