
बजट पर प्रतिक्रिया : किसी ने बताया हर वर्ग के लिए हितकारी तो किसी ने बताया चुनावी जुमला






खुलासा न्यूज, बीकानेर। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने बुधवार को बजट पेश किया। जिसके बाद बीकानेर में राजनेताओं, सामाजिक संगठनों, व्यवयासी-व्यापारियों, अधिवक्ताओं, सीए, युवाओं व आम-आदमी द्वारा बजट पर प्रतिक्रिया दी जा रही है। जिसमें कोई इस बजट को हर वर्ग के लिए सही बता रहा है तो कोई इसे चुनावी जुमला बता रहा है। शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला, बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र विधायक सिद्धि कुमारी, विधायक बिहारी बिश्नोई, भाजपा नेता दिलीप पुरी भाजपा नेता महावीर रांका, बीकानेर जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया एवं सचिव वीरेंद्र किराड़ू, वेल्थोनिक कैपिटल कंपनी के सीईओ एंड फाउंडर पीयूष शंगारी, कृष्णा कंवर ने बजट अपनी प्रतिक्रिया दी है।
केन्द्रीय बजट आसमान छूती महंगाई और बेलगाम बेरोजगारी की आग में घी डालने वाला -शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बुधवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा पेश केन्द्रीय बजट को आसमान छूती मंहगाई और बेलगाम बेरोजगारी की आग में घी डालने वाला बताया है। डॉ. कल्ला ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि मौजूदा केन्द्र सरकार देश की जर्जर होती अर्थव्यवस्था से आमजन का ध्यान भटकाने, आंकड़ों को छिपाने, उनमें घालमेल करने और सही तथ्यों पर पर्दा डालने के खेल में माहिर है, इस बजट में भी नए जुमलों के माध्यम से जनता को भ्रमित करने का कुत्सित प्रयास किया गया है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार में आने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के युवाओं से प्रतिवर्ष दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन इस सरकार का गत ९ सालों का कुशासन इस बात का गवाह है कि देश की युवा शक्ति को रोजगार मुहैया कराने के मसले पर लगातार ठगा जा रहा है। इस बार के बजट में भी बेरोजगारी और महंगाई जैसे ज्वलंत मुद्दों पर कोई ठोस उपाय नहीं किए गए है, यह देश के युवाओं और आमजन की उम्मीदों पर कुठाराघात है।
डॉ. कल्ला ने बताया कि बजट में सामाजिक सुरक्षा, आधारभूत ढांचे, शहरी और समावेशी विकास को लेकर जो प्रावधान किए गए हैं, वे ऊँट के मुंह में जीरे के समान है। इस बजट से राजकोषीय घाटे में बढ़ोतरी होगी तथा विकास की दर अवरुद्ध होगी। आर्थिक सर्वेक्षण में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित जीडीपी दर का गत तीन सालों में न्यूनतम होना इस बात का स्पष्ट संकेत है।
पहली नजऱ में, यह काफी व्यावहारिक बजट- पीयूष शंगारी
पहली नजऱ में, यह काफी व्यावहारिक बजट है जिसमें कई उपयुक्त उपाय किए गए हैं और लोकलुभावन उपायों की भरमार भी है, जो हम चुनावों की तरफ बढ़ रहे हैं। वित्त मंत्री ने सभी वर्गों और सभी क्षेत्रों में फील-गुड फैक्टर का आह्वान करने की कोशिश की। गरीब, मध्यम वर्ग और एचएनआई के पास बजट से कुछ सकारात्मक पहलू हैं।क्या कम कर व्यय खपत को बढ़ावा देगा या बचत को प्रेरित करेगा, यह एक विवादास्पद बिंदु है। लेकिन किसी भी तरह से, यह अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक होगा। कैपेक्स पर निरंतर ध्यान केंद्रित करते हुए राजकोषीय विवेक का पालन करना हमारी उम्मीद थी और वितरित किया गया है।ग्रीन हाइड्रोजन का समर्थन करने की हमारी उम्मीद ने एक प्रभावशाली फोकस देखा है। हालांकि, हम कुछ महत्वपूर्ण चूक देखते हैं। एक , केंद्र सरकार के कैपेक्स में २५ प्रतिशत की वृद्धि के बारे में बात करने के बावजूद, कुल सार्वजनिक कैपेक्स में केवल ४ प्रतिशत की वृद्धि का बजट है। क्योंकि पीएसई का योगदान काफी कम हो गया है।
भाषण में ‘मुद्रास्फीति’ शब्द का एक भी उल्लेख ना होना कुछ चिंताजनक है। साथ ही, बजट में स्वास्थ्य और शिक्षा के आवंटन के बारे में बात नहीं की गई है, जो कि है भविष्य के विकास की संभावना के लिए चिंता का विषय है क्योंकि भारत विश्व स्तर पर इन क्षेत्रों पर सबसे कम खर्च करने वालों में से एक है।
प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र जी मोदी के कुशल मार्गदर्शन में केंद्रीय वित्त मंत्री आदरणीया श्रीमती निर्मला सीतारमन जी ने केन्द्रीय बजट २०२३ प्रस्तुत करते हुए देश के समग्र विकास एवं हर वर्ग के हित को देखते हुए कई अहम घोषणाएं की है।
बजट में टैक्स पेयर्स को बड़ा तोहफा- बिहारी बिश्नोई
अमृत काल का यह पहला बजट – सप्तऋषि थीम पर आधारित है जिसमें सात बिंदुओं को प्राथमिकता दी गई है। वे एक दूसरे के पूरक हैं और सप्त ऋषि के रूप में कार्य करेंगे। इनमें समावेशी विकास, अंतिम मील तक पहुंच, अवसंरचना और निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र इन मुद्दों का समावेश है।
इस बजट के माध्यम से टैक्स पेयर्स को बड़ा तोहफा दिया है जिसमें ७ लाख तक टैक्स नहीं देना पड़ेगा । जो लोग आयकर देते हैं इनके इनकम टैक्स स्लैबस को ५ स्लैब का किया गया । पीएम गरीब कल्याण योजना को एक साल के लिए बढ़ाया गया है । जिनके पास अपना घर नहीं है उनके लिए ये बजट खास है जिसमें पीएम आवास योजना के आवंटन में ६६ प्रतिशत बढ़ोतरी कर इसे ७९,००० करोड़ कर दिया गया है।
गरीब,किसान मजदूर,महिलाएं और कर्मचारियों व युवाओं सहित आम आदमी को लाभ देने वाला बजट- सिद्धि कुमारी
इस बजट मे ७ लाख तक आयकर मे छुट से मध्यम वर्ग विशेषत: छोटे तबके के व्यापारी व कर्मचारियों को अभूतपूर्व राहत दी गई है।विकास को रोजगारोन्मुख बनाया गया है ताकि नौजवानों को कार्य मिल सके। इस बजट में लघू उद्योगों को विकसित करने के साथ मोटे अनाज के उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया जाकर कृषक वर्ग पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। अन्न भण्डारण योजना के रूप में अत्यन्त महत्वकांक्षी योजना को स्वरूप प्रदान किया गया है।टेक्नोलॉजी का विकास तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निवेश बढाकर आधुनिक भारत निर्माण की नींव रखी गई है। मोबाईल, साईकिल आदि सस्ते होने का युवाओं को लाभ मिलेगा।
कॉपरेटिव सैक्टर को प्रोत्साहन दिया गया है ताकि गृहणी महिलाओं का आर्थिक स्वावलंबन बढ़ेगा।
आर्थिक रूप से पिछड़ों व मध्यम वर्ग को सशक्त व सक्षम बनाने वाला बजट – महावीर रांका
पूर्व यूआईटी चैयरमेन महावीर रांका ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अमृतकाल का पहला आम बजट २०२३-२४ एक लोक कल्याणकारी बजट है। यह गाँव, गरीब, किसान, आदिवासी, दलित, पिछड़ों, शोषितों, वंचितों और आर्थिक रूप से पिछड़ों तथा मध्यम वर्ग के लोगों को सशक्त और सक्षम बनाने वाला बजट है। वर्ष २०१४ की तुलना में इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश पर ४०० प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि की गई है। इस बार इंफ्रास्ट्रक्चर पर १० लाख करोड़ रुपये का अभूतपूर्व निवेश होगा। यह निवेश युवाओं के लिए रोजगार और एक बड़ी आबादी को आय के नये अवसर पैदा करेगा महिलाओं के लिए एक विशेष बचत योजना भी इस बजट में शुरू की जा रही है। भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक महावीर रांका ने बताया कि यह बजट सहकारिता को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धुरी बनाएगा। नये प्राइमरी कॉपरेटिव्स बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना का भी ऐलान इस बजट में किया गया है। कुल मिलाकर सर्वजन हित को साधते हुए बजट प्रस्तुत किया गया है।
जिला उद्योग संघ के पदाधिकारियों ने दी मिलीजुली प्रतिक्रिया
बीकानेर जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया एवं सचिव वीरेंद्र किराड़ू ने केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बताया कि बजट २०२३ एम एस एम इ को बढ़ावा देने के लिये ९००० करोड़ का प्रावधान स्वागत योग्य है। आयकर में ७ लाख तक छूट देना स्वागत योग्य। ई-व्हीकल सस्ते करना स्वागत योग्य है। वहीं जीएसटी स्लैब में कटौती नहीं करना निराशाजनक है । आयकर टेक्स स्लैब में बदलाव नहीं करना निराशाजनक रहा। ब्याज मुक्त लोन व्यापारियों को नहीं मिलना निराशाजनक रहा। माइक्रो केटेगरी के उधमियों को आयकर ऑडिट से पूर्ण छूट नहीं देना निराशजनक रहा।
बजट में हर वर्ग को ध्यान में रखा- दिलीप पुरी
बजट में देश की आधारभूत संरचना को मजबूती देने के साथ ही स्वास्थ्य, पोषण, ,गरीब कल्याण, कृषि, जल संसाधन, वित्तीय समावेश, कौशल विकास, वरिष्ठ नागरिक, महिला वर्ग सहित मध्यम वर्ग का भी पूरा ध्यान रखा गया है। वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों में देश की अर्थव्यवस्था में ६.५ प्रतिशत जीडीपी से विकास दर, बजट घाटे को ६ प्रतिशत से नीचे रखकर कुशल अर्थव्यवस्था प्रबंधन का संकेत दिया गया है।
बजट में हर वर्ग का रखा ध्यान- कृष्णा कंवर
कर्मचारियों को बजट २०२३ में न्यू स्लैब रेट में सात लाख तक की आय वालों को कोई भी टैक्स देना नहीं पड़ेगा, यह केन्द्र सरकार का बड़ा ऐलान है। प्राइवेट कर्मचारियों को लीव एनकैशमेंट जो की पुरानी ३००००० की छूट थी उसको बढ़ाकर २५००००० किया गया है। २.५ लाख की सीमा को बढ़ाकर ३ लाख किया गया है नई टैक्स स्लैब रेट में। १५.५ लाख से ज्यादा वार्षिक आय वाले कर्मचारियों को ५२५०० की अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन दी गई है। बजट में केन्द्र सरकार की ये सभी बड़ी घोषणाएं है, जिनसे हर वर्ग को लाभ मिलेगा। कृष्णा कंवर, जिला अध्यक्ष, भामस सरकारी कर्मचारी


