
पेपरलीक मामले में पायलट का गहलोत पर हमला, बोले- यह तो जादूगरी हो गई, ऐसा संभव नहीं






खुलासा न्यूज, नेटवर्क। पेपर लीक मामले में सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच वार-पलटवार तीसरे दिन भी जारी है। बुधवार को पायलट ने बड़े अफसरों को रिटायरमेंट के बाद राजनीतिक नियुक्तियां देने पर भी गहलोत का नाम लिए बिना तीखा हमला बोला है। पेपर लीक मामले में अफसरों को क्लीन चिट देने के सीएम गहलोत के बयान पर पायलट ने कहा- जब बार-बार पेपर लीक होते हैं तो हमें दुख होता है। इसके लिए जिम्मेदारी तय करके एक्शन लेना होगा। अब कहा जा रहा है कि कोई अफसर जिम्मेदार नहीं है। पेपर तिजोरी में बंद होता है। तिजोरी में बंद पेपर बाहर बच्चों तक कैसे पहुंच गया। यह तो जादूगरी हो गई।
पायलट ने कहा कि ऐसा संभव नहीं है कि कोई अफसर जिम्मेदार नहीं है। कोई न कोई तो जिम्मेदार होगा। पायलट झुंझुनूं जिले के गुढ़ा में किसान सम्मेलन में बोल रहे थे।
बड़े अफसर शाम को रिटायर होते हैं, रात 12 बजे राजनीतिक नियुक्ति मिल जाती है
पायलट ने अफसरों को बड़े पैमाने पर राजनीतिक नियुक्तियां देने पर भी सवाल उठाए। पायलट ने कहा कि बहुत से लोगों को राजनीतिक नियुक्तियां दीं, लेकिन जिन लोगों ने सरकार बनाने के लिए खून-पसीना बहाया। उनका अनुपात सुधारना होगा।
पायलट ने कहा कि प्रदेश में बहुत से ऊंचे अधिकारी हैं, जो अधिकारी हमारी सरकार में काम करते हैं। उन्हें यह फर्क नहीं पड़ता कि कि राज कांग्रेस का है या बीजेपी का है। अफसर तो राज की नौकरी करते हैं। बड़े अफसरों को भी हमें राज में मौका देना हो तो दीजिए, लेकिन अनुपात बेहतर होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का वर्कर चाहे मेरा समर्थक हो या किसी और का हो, उसे कोई राजनीतिक नियुक्तियों में पद दें तो उसका हम सब स्वागत करेंगे। बड़े-बड़े अधिकारी शाम को 5 बजे रिटायर होते हैं और रात को 12 बजे उनकी नियुक्ति हो जाती है। थोड़ा-बहुत तो होता है, लेकिन अधिकारियों की जगह कांग्रेस के कार्यकर्ता को पद मिलते तो अच्छा होता। हमें तो उसको ठीक करना होगा।


