
पुलिस महकमें की हालत खस्ता, जांच अधिकारियों की कमी






बीकानेर। प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने का जिम्मा संभालने वाले पुलिस महकमे की हालत खस्ता है। प्रदेश में कांस्टेबल से लेकर पुलिस निरीक्षक तक के पदों का टोटा है। हालात यह हैं कि जांच अधिकारी कम होने से मुकदमों की पेंडेंसी लगातार बढ़ रही है। रेंज आइजी, पुलिस अधीक्षक एवं मुख्यालय से आने वाले उच्चाधिकारी हर बार मीटिंग में पेंडेंसी कम करने के निर्देश देते हैं, लेकिन कानून-व्यवस्था, वीआइपी ड्यूटी और हर दिन होने वाली वारदातों के कारण पुलिस थानाधिकारी भी मजबूरन पेंडेंसी कम नहीं कर पाते हैं। पुलिस महकमे में जांच अधिकारियों की कमी के चलते सरकार व पुलिस मुख्यालय ने स्नातक व नौ वर्ष की सेवा पूरी करने पर एश्योर्ड करियर प्रोगेस प्राप्त कर चुके कांस्टेबलों को भी जांच के अधिकार दे दिए। फिर भी समस्या समाधान दूर ही दिखाई दे रहा है। जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में बीकानेर जिले में 100 से अधिक कांस्टेबल दो साल तक की सजा वाले मामलों की जांच कर रहे हैं।
यह पड़ रहा असर
– थानों में दर्ज मामलों की जांच समय पर पूरी नहीं हो पाती।
– बकाया मामले बढ़ रहे।- मुकदमों की जांच से न्याय प्रभावित।
– मुकदमों की जांच में देरी से आरोपियों को मिलता है फायदा।- पुलिस पर लगते हैं आरोपियों से मिलीभगत के आरोप।
पेंडेंसी 17 प्रतिशत चल रहीपुलिस मुख्यालय की ओर से पेंडेंसी के लिए पांच प्रतिशत निर्धारित कर रखा है, लेकिन प्रदेशभर में पेंडेंसी का प्रतिशत 18 से 20 प्रतिशत आ रहा है। अकेले बीकानेर की बात करें, तो पेंडेंसी मामलों का प्रतिशत वर्ष 2022 में 17 प्रतिशत रहा है।
हर साल बढ़ रहे मामले
प्रदेश में अपराध बढ़ा है। यह आंकड़ों से स्पष्ट पता चलता है। प्रदेश के थानों में हर साल पांच से दस प्रतिशत मामले बढ़ रहे हैं। प्रदेश मुखिया के भी आदेश हैं कि थाने आने वाले हरेक फरियादी का परिवाद दर्ज किया जाए। इसके अलावा पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचने वाले परिवाद भी जीरो नंबरी एफआइआर दर्ज कर संबंधित थानों को भिजवाने की व्यवस्था की गई है। इन दोनों व्यवस्थाओं से दर्ज होने वाले मामलों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि हो गई है।
रिक्त पदों को भरे सरकार
पुलिस महकमे में जो कमी चल रही, उसका सीधे तौर पर दुष्प्रभाव पुलिस के कामों पर पड़ता है। दुष्प्रभावों को आमजनता को झेलना पड़ रहा है। अपराध बढ़ रहे हैं, पुलिस की नफरी कम है। यह िस्थति चिंताजनक है। बढ़ते अपराधों के मद्देनजर सरकार को पुलिस महकमे में पद बढ़ाने चाहिए। हकीकत यह है कि महकमे में रिक्त पद भी भरे नहीं जा रहे हैं। पुलिस को सुदृढ़ करना चाहिए, ताकि अपराध व अपराधियों पर अंकुश लगे और समाज में पुलिस के प्रति विश्वास और आस्था में वृद्धि हो सके।खींवसिंह भाटी, सेवानिवृत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक


