
हिम्मटसर गांव में हुई हत्या के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार.






बीकानेर। पारिवारिक रंजिश के चलते हिम्मटसर गांव में हुए रामेश्वर विश्रोई हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त जीवराज विश्रोई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार वारदात के बाद फरार हुआ जीवराज विश्रोई जयपुर में फरारी काट रहा था। जिसे पकडऩे के लिये नोखा पुलिस की विशेष टीम सरगर्मी से जुटी हुई थी। पुलिस को सूचना मिली कि जीवराज विश्रोई जयपुर की नंदपुरी कॉलोनी एक मकान में किरायेदार बनकर रह रहा है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची नोखा पुलिस की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। सीआई नोखा ईश्वर प्रसाद जांगिड़ ने बताया कि सात माह पहले हिम्मटसर गांव की रोही में हुए इस हत्याकांड को लेकर हजारीराम विश्रोई ने हाजिर थाना होकर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि मेरी पुत्री गीता का विवाह ओमप्रकाश पुत्र जीवराज जाति बिश्नोई निवासी गांव कंवलीसर जिला नागौर के साथ किया हुआ हैं, ओमप्रकाश गुंगा बहरा व मानसिक रूप से ग्रस्ति होने के कारण मेरी पुत्री गीता हमारे पास ही रह रही हैं। मेरी पुत्री गीता के ससुर जीवराज उसे जबरदस्ती ले जाना चाहते हैं और उन्होंने कई बार धमकिया दी कि हम गीता को जबरदस्ती उठाकर ले जायेंगे और तुम लोगों को जान से मारे वगैर नहीं छोड़ेगें। 9 मई 2023 की शाम को हम खाना खाकर अपनी उक्त ढाणी में सो गये देर रात करीब ढाई बजे गाडियों की आवाज सुनकर हम उठ गये तब तीन गाडिय़ों हमारी ढाणी के आगे आकर रुकी जिनमें जीवराज पुत्र कोजाराम, भंवरलाल पुत्र कोजाराम, शिवनारायण पुत्र कोजाराम, सुनिल पुत्र शिवनायण, राजेन्द्र पुत्र जीवराज, पूनम पुत्र शिवनारायण, रामसिंह पुत्र शिवनारायण रिछपाल पुत्र देवीलाल जाति बिश्नोई निवासीगण गांव कंवलीसर जिला नागौर व हरिराम पुत्र रामकरण, धनराज पुत्र रामकरण, कैलाश पुत्र राजाराम जाति बिश्नोई निवासीगण हिमटसर तहसील नोखा व 4-5 अन्यव्यक्ति जबरदस्ती हमारी ढाणी में घुस आये। जिनके पास पिस्तौल, बदूके, बछयां व लाठिया थी और आते ही फायर करना शुरु किया तब मेरा पुत्र रामेश्वरलाल भागने लगा तो उसके उपर पिस्तौलों व बदूक से फायर किया जो उसके शरीर के पीछे लगे और रामेश्वर गिर गया तब भवरलाल व धनराज ने बंदूक व पिस्तौल से मुझे व रामेश्वर की पत्नी शर्मीला व रामेश्वर की पुत्र मन्जू व पुत्र सचिन व मेरी पत्नी घुडी पर भी फायर किये जो हम एक तरफ अधेरे में छिप गये व गीता ढाणी में नहीं मिलने के कारण उपरोक्त सभी हमें छोडकर भाग गये, गीता बाहर पढाई करती हैं इसलिये वह नहीं मिली थी तब हमने अपने पुत्र रामेश्वर लाल को सभाला तो उसकी फायर की चोटों के कारण मौके पर ही मृत्यु हो गई। मेरे भाई व मैं गाडी लेकर मेरे पुत्र रामेश्वर को लेकर पीबीएम अस्पताल आये तब डाक्टरों ने देखकर कहा कि इसकी मृत्यु हो गई हैं। इस वारदात का मुख्य आरोपी जीवराज विश्रोई फरार चल रहा था।


