
खुलासा का स्पेशल स्टोरी बच्चा, बंशी, डिब्बा के कोड वार्ड से शहर मे बिकता है नशा,चाय की थड़ी और दुकानों पर बिक रहा नशा, कौन चला रहा है नशे का कारोबार






बीकानेर शहर में जयनारायण व्यास कॉलोनी, जस्सूसर गेट, नत्थुसर गेट, गंगाशहर आदि जगहों पर कोचिंग सेटरों के बाहर दुकानों आसानी ने नशे कासामान मिल जाता है। खुलासा टीम ने जब इन इलाकों में नशे के कारोबार करने वाले के तह तक जाने के लिए सर्वे किया तो कई लोगों ने हमें बताया कि नशेकी पुडिया मिलती तो है पर आपको नहीं मिलेगी। पुडिय़ा लेने वाले के लिए स्टूडेंट होना जरूरी है। हर शॉप वाले, चाय वाले और बाइक पेडलर्स ने अपने कस्टमर स्टूडेंट फिक्स कर रखे हैं। वो अपना माल उन्हें ही बेचते हैं। इसके अलावा किसी को नहीं बेचते।कुछ लडक़ों ने हमें बताया कि इस इलाके में अधिकतर मकानों में गांजे का कारोबार चल रहा है। भरपूर माल है। बस ये बिना जान-पहचान किसी को नहींदेते हैं। आज कल नशा स्टूडेंटस करते हैं। इससे नींद अच्छी आती है और दिमाग हल्का हो जाता है। गांजा सस्ता पड़ता है और सिगरेट में आसानी से भरकरकहीं भी बैठकर पी सकते हैं तो स्टूडेंट्स इसे ही पसंद करते हैं।कुछ स्टूडेंट्स ने तो अपनी सेटिंग किराना की दुकानों और चाय की थडिय़ों पर कर रखी है। वहीं, कुछ स्टूडेंट्स सीधे बाइक पेडलर्स के संपर्क में हैं, जिन्हें शामहोते ही फिक्स दुकानें है जैसे पीबीएम अस्पताल के आस पास, मुक्ता प्रसाद व शहर के भीतर मोहता चौक, सुथारों की बड़ी गुवाड़, नत्थुसर गेट, नाथ जी काधोरा आदि इलाकों में नशा का कारोबार चरम पर है। जब हमने तह जाने की कोशिश की तो हमें चौकाने वाली बात सामने आई कुछ कॉलेज के स्टूडेंटस व
स्कूली बच्चे में इस काम में लगे हुए है
किराने की दुकानों और घरों से बेच रहे गांजे की पुडिय़ाशहर के कई ऐसे इलाके है जहां किराने की दुकानों पर नशे की पुडिय़ा बेची जा रही है। फिक्स स्टूडेंट्स व नशेड़ी यहां से पुडिय़ा लेकर आते हैं। इसकेअलावा चाय की दुकानों पर अलग से रोजाना आने वाले बच्चों को ही ये पुडिय़ा दी जाती है। इन दुकानों पर मिट्टी की बनी हुई गोगो (चिलम) भी बेचीजाती है। सिगरेट और गांजे को मिक्स करके ही गोगों में मिलाकर स्टूडेंट्स नशा करते हैं।
स्टूडेंट्स को बेच रहे नशा और चिलम
कुछ लडक़ों ने हमें नशे बेचने वालों की दुकान भी बताई जहां स्टूडेंट्स की भारी भीड़ लगती है जहां बाहर रेस्टोंरेट है और अंदर नशे का काम भरपूर चलता हैइनको रोकने की कोई हिम्मत नहीं करता है क्योकि कुछ दुकाने है वो किसी ने किसी शहर के नामी व्यक्ति के रिश्तेदार की तो उनकी दुकानों पर पुलिस कार्यवाही नहीं करती है।
बच्चा, बंशी, डिब्बा जैसे कोड वर्ड
शहर नशा बेचने वालों ने स्मैक और चरस, गांजे के लिए अलग-अलग कोड वर्ड बना रखे हैं। सबसे खास कोड वर्ड बच्चा, बंशी, टिकट, पुडिय़ा, माल,टयूब, पीपी, डिब्बा और पन्नी जैसे शॉर्ट नेम है। शहर में जयनारायण व्यास कॉलोनी, नत्थुसर गेट, मोहता का चौक, मोहता की सराय, गोपेश्वर बस्ती, घड़सीसररोड़, चौधरी कॉलोनी आदि जगहों पर नशे की पुडिय़ां आसानी से मिल जाती है।
बेचने के तीन तरीके होम डिलीवरी, वॉट्सऐप ग्रुप , सप्लायर के अड्डेसप्लायर ने शहर में नशे को बेचने के लिए तीन तरीके बना रखे हैं। सीधे ही डिमांड करने पर बाइक से होम डिलीवरी कर देते हैं। स्टूडेंट पुडिय़ा की जरूरतपडऩे पर मोबाइल से कॉल कर देते हैं। उन्हें बिचौलिया बाइक पर लाकर दे देते है। इसके अलावा सप्लायर्स ने वॉट्सऐप ग्रुप बना लिए है। ग्रुप में ही डिमांड वलोकेशन भेज दी जाती है। जिस पर तुरंत किसी भी चौराहे व सुनसान जगह पर माल भेज दिया जाता है। नशे का कारोबार करने वालों ने अड्डे बना रखे है।यहां पर बड़े स्तर पर माल रखते हैं। जिसे भी नशा लेना होता है वो सीधे इन अड्डों पर पहुंच जाता है। इन्हीं अड्डों से ही बाइक पर १० से २० की संख्या मेंपुडिय़ा लाकर सप्लायर्स बेचते हैं।


