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राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी का पहला और अजीब मामला, बिहार से बुला रही है आईएएस को

जयपुर राजस्थान कैडर की IAS अफसर पूनम 6 साल पहले बिहार में डेपुटेशन पर गई थीं। वे अब तक नहीं लौटी हैं। दूसरे अफसर राजस्थान कैडर के आईएएस अफसर अंबरीश कुमार हैं जो इन दिनों ईशा आउटरीच (तमिलनाडु) में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं।

राजस्थान की एक महिला IAS अफसर की मनमानी का रोचक मामला प्रदेश की सरकार, बिहार सरकार और केन्द्र सरकार सभी के लिए सिरदर्द बना हुआ है। 2005 बैच की राजस्थान कैडर की IAS अफसर पूनम 6 साल पहले बिहार में डेपुटेशन पर गई थीं। राजस्थान सरकार उनको लौटने के लिए बार-बार पत्र लिख रही है, लेकिन पूनम न जवाब दे रही हैं और न वापस लौट रही हैं।

IAS पूनम वर्ष 2016 में डेपुटेशन पर बिहार चली गई थीं। उन्हें यह डेपुटेशन 3 वर्ष के लिए मिला था। इस हिसाब से वे अक्टूबर 2016 से सितंबर 2019 तक वहां रह सकती थीं। उसके बाद उन्होंने कोरोना का हवाला देकर 1 वर्ष के लिए अपना डेपुटेशन बढ़वा लिया। केंद्र, राजस्थान व बिहार की सरकारों ने उन्हें विशेष परिस्थितियां देखते हुए यह इजाजत दे दी। फिर उनका कार्यकाल (डेपुटेशन) अक्टूबर 2020 में पूरा हो गया।

आईएएस अफसर पूनम जिनका कैडर राजस्थान हैं, लेकिन वे अभी अपने होम स्टेट बिहार में पदस्थ हैं। पूनम राजस्थान में चार जिलों में कलेक्टर रही हैं।

अब उन्होंने फिर से कोरोना का हवाला देकर 1 वर्ष का डेपुटेशन और मांगा, लेकिन नहीं मिला। तब उन्होंने कैट (प्राधिकरण) में शरण ली। उन्हें फिर 1 वर्ष का डेपुटेशन मिल गया, लेकिन यह डेपुटेशन भी अक्टूबर 2021 में खत्म हो गया। अब उसके ऊपर भी 1 वर्ष से ज्यादा का समय बीत गया। पूनम अब तक बिहार में ही हैं, उन्होंने अपना परिवार भी पटना (बिहार) ही शिफ्ट कर लिया था।

आईएएस पूनम राजस्थान में बीकानेर, सवाई माधोपुर, डूंगरपुर और बूंदी जिलों में कलेक्टर भी रही हैं। राजस्थान के कार्मिक विभाग ने पूनम को पत्र लिख कर उनके अब तक कैडर में वापस न लौटने का कारण पूछा है। जिसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं आया।

अब विभाग उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का मन बना चुका है और केन्द्र के कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग और बिहार राज्य सरकार को अपनी आपत्ति दर्ज करवाने वाला है। विभाग के मंत्री होने के नाते इस मामले की जानकारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी भेज दी गई है। कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव हेमंत गेरा ने इस संबंध में आगे कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है।

राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में इसे इस तरह का पहला मामला बताया जा रहा है। जब किसी और राज्य में डेपुटेशन पर गया कोई आईएएस अफसर 5 साल बीत जाने के बावजूद नहीं लौटा हो। राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में सबसे ज्यादा वक्त बतौर आईएएस सेवा देने वाले पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव पी. एन. भंडारी (रिटायर्ड) ने भास्कर को बताया कि इस तरह के मामले में नियोक्ता भारत सरकार है।

उन्होंने कहा- राज्य के कार्मिक विभाग को तुरंत ऐसे अफसर के खिलाफ चार्जशीट देने की सिफारिश के साथ केन्द्रीय कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग (DOPT) को तुरंत लिखना चाहिए। आईएएस की सेवा कोई राजनीतिक पद या कोई निजी धंधा नहीं है कि कोई कहीं पर भी अपने हिसाब से नौकरी कर ले। कार्मिक विभाग को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

शासन सचिवालय जहां ब्यूरोक्रेसी के बीच आजकल यह मामला चर्चा में बना हुआ है।

नियमानुसार अधिकतम 5 वर्ष तक रह सकते हैं होम स्टेट में

भारत सरकार के स्पष्ट नियम हैं कि कोई भी आईएएस या आईपीएस अफसर अपने सर्विस कैडर से होम स्टेट जा सकता है। लेकिन ऐसा पूरी सर्विस के दौरान कुल मिलाकर अधिकतम 5 वर्ष के लिए हो सकता है। इससे ज्यादा का कोई मामला पूरे देश में सामने नहीं आया है।

राजस्थान कैडर से हाल के वर्षों में फरवरी-2019 से फरवरी-2022 तक डॉ. रवि सुरपुर अपने होम स्टेट कर्नाटक में रह कर वापस आए हैं। उससे पहले वर्ष 2009 में तमिलनाडु कैडर से हरसहाय मीणा अपने होम स्टेट राजस्थान में तीन वर्ष रह कर वापस गए हैं।

वर्ष 2015 आईएएस परीक्षा के टॉपर रहे अतहर आमिर खान भी फरवरी-2021 में अपने होम स्टेट कश्मीर गए हुए हैं। इसी नियम के तहत पूनम भी बिहार गई थीं, लेकिन अब तक नहीं लौटी हैं।

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